हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश ने भी चीनी उत्पादों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. प्रदेश के बिजली विभाग ने चीनी बिजली मीटर और अन्य उपकरण के इस्तेमाल पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया है. विभाग ने चायनीज उपकरणों का इस्तेमाल न करने का फैसला किया है.
ऐसे में बिजली विभाग के निर्देश पर अब चीनी बिजली मीटर हटाए जाएंगे. पाव कॉरपोरेशन को एफिशिएंशी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा मुहैया कराए गए मीटर को हटाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही भविष्य में चायनीज मीटर का उपयोग न करने को भी कहा गया है. बता दें कि सीमा पर चीन की हरकतों से पूरा देश आक्रोशित है और वहां के सामान का बहिष्कार करने की मांग जोरों पर है.
आपको बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारत के 20 सैनिकों की शहादत के बाद चीन के खिलाफ गुस्से को देखते हुए इससे पहले महाराष्ट्र और हरियाणा की सरकार ने चीनी कंपनियों को लेकर कड़े फैसले लिए हैं. महाराष्ट्र सरकार ने अपने एक फैसले में चीन को बड़ा झटका दिया है.
शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने केंद्र से बातचीत के बाद राज्य में चल रहे चीन की 3 कंपनियों के प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है. इसकी लागत करीब 5000 करोड़ रुपए की है. महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि केंद्र की गाइडलाइन आने के बाद ही इन प्रोजेक्ट्स को लेकर अब कोई निर्णय लिया जाएगा.