नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने भारत की प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) दुनिया में सबसे उदार नीति बताते हुये आज कहा कि इसकी वजह 65 अरब डॉलर का एफडीआई आया है और पिछले कुछ वर्षें में इसमें 16 गुना बढोतरी हुयी है. श्रीकांत ने उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा कि देश में अधिकांश क्षेत्रें में ऑटोमेटिक रूट से एफडीआई की अनुमति दी गयी है. देश में 98 प्रतिशत एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से ही आता है.
सरकार ने हाल ही में रक्षा क्षेत्र में 74 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी है जिससे इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की गंभीरता प्रतीत होती है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अन्य देशों में विदेशी निवेश में भारी गिरावट आयी है. वैश्विक स्तर पर इसमें 13 प्रतिशत की गिरावट आयी है. भारत की एफडीआई नीति अलग थलग पड़ने वाली नहीं है लेकिन यह सबसे उदार नीति है जो वैश्विक स्तर पर भारत को एफडीआई आकर्षित करने के लिए सबसे पसंदीदा बनाता है.
कांत ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमितो की संख्या में भले ही बढोतरी हो रही है लेकिन भारत ने इससे मृत्यु दर को नियंत्रित रखा गया है. कई देश ऐसी स्थिति में एक दूसरे से साथ आवाजाही को कम कर रहे हैं. जापान ने अपने परिचालन को दूसरे देशो में स्थानांतरित करने के लिए 2.2 अरब डॉलर का पैकेज दिया है जो भारत के लिए बहुत बड़ा अवसर है.