कुछ समय के अंतराल पर केंद्रीय गृह मंत्री पश्चिम बंगाल पहुंचे। उन्होंने सिद्धेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने किसानों को कृषि कानून पर सन्देश दिया। कहा कि यह कानून किसानों के हित में है। इसके माध्यम से उनको विकल्प व अधिकार दिए गए है। अमित शाह ने भाजपा नेताओं के साथ पूर्व मेदिनीपुर में किसान सनातन सिंह के घर भोजन किया है। उन्हें बंगाल का पारंपरिक शाकाहारी भोजन परोसा गया है।
दिल्ली में कृषि कानून विरोधी आंदोलन के बीच अमित शाह का यह कदम किसानों को बड़ा संदेश देने वाला है।उन्होंने कहा कि कहा कि ममता बनर्जी ने सोनार बंगला का सपना तो दिखा दिया,लेकिन इसे पूरा नहीं किया। भाजपा इस सपने को पूरा करेगी। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार से लोग नाराज और नाखुश हैं इसलिए वह भाजपा में आ रहे हैं।
बंगाल में नहीं है किसान सम्मान
अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास बने हैं,लेकिन केंद्र के द्वारा किसानों को भेजा गया पैसा नहीं मिल रहा है। यह ममता बनर्जी की हठधर्मिता है। उनको किसानों की भलाई से नहीं,अपनी राजनीति की चिंता है। इस प्रकार की नकारात्मक राजनीति का यहां के मतदाता जबाब देंगे।
देश विरोधी गतिविधि पर रोक
अमित शाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने पश्चिम बंगाल में घुसपैठ, आतंकवाद,गौ तस्करी समेत राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादियों के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई और गिरफ्तारी को लेकर एजेंसी की सराहना की। शाह ने रोहिंग्या मुद्दे को भी उठाया।
उत्तर चौबीस परगना में भारत बांग्लादेश सीमा पर बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी बस गए है। सत्तारूढ़ पार्टी मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध कराकर उन्हें वोट बैंक के लालच में नागरिकता दे रही है। इसे लेकर भी शाह ने निर्देश दिया है। कहा कि देश की सुरक्षा के लिए कोई भी शख्स अपनी खतरनाक साजिश में सफल न हो सके, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
स्वामी विवेकानंद व खुदीराम बोस का स्मरण
अमित शाह कोलकाता में स्वामी विवेकानंद के आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पूर्व मेदिनीपुर पहुंचे हैं। वहां शहीद खुदीराम बोस के घर उनकी मौसी तथा अन्य परिजनों से मुलाकात की।
अमित शाह ने स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के घर पहुंचने से पहले खुदीराम बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कहा कि उन्हें शहीद खुदीराम बोस के जन्मस्थान की मिट्टी को कपाल पर लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बंगाल के अंदर जो ओछी राजनीति करते हैं,उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि खुदीराम बोस जितने बंगाल के थे वे उतने ही पूरे भारत के थे।