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हाईकोर्ट ने कहा, ‘जब पहले से है आदेश तो दुबारा जरूरी नहीं’

शीतकालीन अवकाश में बैठी इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने सामान्य समादेश जारी कर ध्वस्तीकरण आदेश की अपील पर अंतरिम अर्जी तय होने या लंबित रहने तक प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण कार्यवाई पर रोक लगा रखी है। तो बार बार आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं है।

न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने मेरठ विकास प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील लंबित रहने तक भवन गिराने से रोकने की मांग में दाखिल याचिका पर समादेश जारी करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब सामान्य समादेश पहले से जारी हो चुका है तो दुबारा आदेश देने की जरूरत नहीं है।

कोर्ट ने यह आदेश मेरठ के प्रदीप कुमार और भगवाना चौधरी व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई है लेकिन अंतरिम अर्जी पर कोई आदेश नहीं हुआ है। वह विचाराधीन है। प्राधिकरण इसका फायदा उठाकर ध्वस्तीकरण करना चाहता है। उसे ऐसा करने से रोका जाए।

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