Breaking News

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया लिविंग लिजेंड्स का उदघाटन

लिविंग लिजेन्ड्स ऑफ बलिया फोरम के माध्यम से विश्वविद्यालय ने बलिया की उन विभूतियों को फिर से यहां की मिट्टी से जोड़ने की अनूठी पहल की है,जो फिलहाल यहां से दूर रहकर विभिन्न क्षेत्रों में अपना विशिष्ट योगदान दे रहे हैं।

राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया द्वारा आयोजित ‘वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य एवं जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय की भूमिका: चुनौतियों एवं संभावनाएं’ विषयक संगोष्ठी एवं ‘लिविंग लिजेन्ड्स ऑफ बलिया’ फोरम की वेबसाइट का राजभवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि इस फोरम के माध्यम से विश्वविद्यालय बलिया की विभूतियों को अपनी मिट्टी से जुड़ने तथा मधुर स्मृतियों को संजोने का न सिर्फ अवसर प्रदान करेगा, बल्कि मातृभूमि के ऋण से उऋण होने का अवसर भी प्रदान करेगा।

राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय बलिया के जिस महान विभूति चन्द्रशेखर के नाम पर स्थापित है, उनके पदचिन्हों पर चलकर कार्य करें और शीर्ष पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि बलिया की धरती एक अत्यन्त उर्वर धरती है, जिसने तमाम ऋषि-मुनियों से लेकर स्वाधीनता सेनानियों, साहित्यकारों, विद्धानों, बुद्धिजीवियों और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक को जन्म दिया है।

विश्वविद्यालय के समक्ष एक अनुकरणीय उदाहरण

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने छोटे-से जीवनकाल में ही कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जो प्रशंसनीय है। सीमित संसाधनों और कोरोना से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बावजूद विश्वविद्यालय ने निर्धारित समय सीमा के अन्दर नकलविहीन परीक्षा कराई, समय से परीक्षाफल घोषित किया। कुछ पाठ्यक्रमों में सबसे पहले परीक्षाफल घोषित करके इस विश्वविद्यालय ने प्रदेश भर के विश्वविद्यालय के समक्ष एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

राज्यपाल ने कहा कि बलिया प्राकृतिक जल-स्रोतों से अत्यंत समृद्ध है और यहां मत्स्य उत्पादन की व्यापक संभावनाएं भी हैं। इसके लिए सम्यक प्रशिक्षण और वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग करते हुए मत्स्य उत्पादन में भारी वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अध्ययन एवं शोध को बढ़ावा दिया जाए तो यहां के किसानों की समृद्धि के दरवाजे खुल सकते हैं।

About Aditya Jaiswal

Check Also

विश्वनाथ मंदिर में अब नहीं होगी मन्नत की हौद भराई, 580 लीटर दूध से भरा जाता था अरघा

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हौद भराई पूजा पर रोक लगा दी गई है। ...