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विश्व के कल्याण की योग आयुष कामना

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

योग व आयुष दुनिया के भारत की सौगात है। प्राचीन भारत के ऋषियों आचार्यों ने गहन व विलक्षण शोध के बाद इसका सृजन किया था। इसी के साथ उन्होंने सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना की थी। यह उदार चिंतन था। इस संदर्भ में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता मिली।

इसी के साथ नरेंद्र मोदी ने आयुष मिशन को एक अभियान का रूप दिया। उन्होंने आयुष मंत्रालय का गठन किया। उनकी प्रेरणा से आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी। प्रधानमंत्री ने भारतीय योग पद्धति को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलायी है। उनके प्रयासों से प्रत्येक वर्ष इक्कीस जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

विश्वव्यापी हुआ आयुर्वेद

आयुर्वेद भी भारत की अमूल्य धरोहर है। कोरोना आपदा के समय इसी को सर्वाधिक प्रभावी माना गया है। इससे आयुर्वेद दुनिया में लोकप्रिय हुआ है। दुनिया ने प्राचीन भारतीय ज्ञान विज्ञान का लोहा माना है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परम्परागत चिकित्सा पद्धति में शोध किये जाने की आवश्यकता है। जिससे इस चिकित्सा पद्धति में और नवीनता आ सके।

कोरोना काल खण्ड में भारतीय आयुष चिकित्सा पद्धति ने पूरी दुनिया को इससे जोड़ा है। आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार होता है। आज ग्राम पंचायत से लेकर नीति आयोग तक की बैठकों में काढ़े की मांग है। ऋतु परिवर्तन के दौरान काढ़ा हम भारतीय आदि काल से पीते आये हैं। प्रदेश सरकार ने कोरोना काल खण्ड के दौरान आयुष कवच कोविड एप को लाॅन्च किया था। इसका लाभ प्रदेशवासियों को प्राप्त हो रहा है।

यूपी में हेल्थ टूरिज्म

उत्तर प्रदेश में विगत तीन वर्षों के दौरान हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा मिला है। हेल्थ टूरिज्म सेक्टर में प्रदेश को पहचान दिलायी जा रही है। योग वेलनेस सेण्टर प्रदेश में हेल्थ टूरिज्म को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वर्तमान सरकार ने वेलनेस सेण्टर के कुशल संचालन हेतु एक योग प्रशिक्षक व एक सहायक को तैनात किया है। उन्होंने निर्देश दिये कि वेलनेस सेण्टर्स की नियमित माॅनीटरिंग की जाए।

आयुष टेलीमेडिसिन

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है,जहां आयुष टेलीमेडिसिन का शुभारम्भ किया गया है। इस नई सेवा से प्रदेशवासियों को घर बैठे आयुष विशेषज्ञों से परामर्श लेने की सुविधा मिल सकेगी। प्रथम चरण में गोरखपुर, अयोध्या,लखनऊ सहित प्रदेश के सोलह जनपदों की तीन सौ चौरासी डिस्पेंसरियां इस व्यवस्था से जुड़ी हैं।

कोरोना काल खण्ड में टेलीमेडिसिन का विशेष महत्व है। टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन पद्धति को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है कि इसका विस्तार किया जाए। इसमें विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सकों को जोड़ने की व्यवस्था की जाए,जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सकें।

नास्ति मूलं अनौषधं

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चिकित्सक लोगों को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करें और ज्यादा से ज्यादा शोध करें। हमारे ऋषियों ने ‘नास्ति मूलं अनौषधं’ का सूत्र दिया है। इसका तात्पर्य है कि प्रकृति प्रदत्त सभी चीजों में कोई न कोई गुण अवश्य है,कुछ भी बेकार नहीं है, आवश्यकता है एक योजक की। इस भावना से कार्य करने की आवश्यकता है।

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