विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रिएसस ने कोरोना की उत्पत्ति की जांच के लिए चीन द्वारा अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम को अनुमति में देरी किए जाने को लेकर निराशा जताई है। गेब्रिएसस ने कहा कि ‘वह इस बात से बहुत निराश हैं कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करने के लिए चीन ने अभी भी अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम के प्रवेश को अधिकृत नहीं किया है।’ यह जानकारी रॉयटर्स के हवाले से सामने आई है।
जिनेवा में एक समाचार सम्मेलन में टेड्रोस अधनोम गेब्रिएसस ने बीजिंग की आलोचना करते हुए कहा कि ‘अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक टीम के सदस्यों ने डब्ल्यूएचओ और चीनी सरकार के बीच एक व्यवस्था के हिस्से के रूप में अपने देशों से चीन जाने के लिए पिछले 24 घंटे पहले तैयार हो चुके हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘आज, हमें पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने टीम के चीन में आने के लिए आवश्यक अनुमति को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया है।’
उन्होंने कहा कि ‘मैं इस खबर से बहुत निराश हूं, क्योंकि दो सदस्यों ने पहले ही अपनी यात्रा शुरू कर दी थी और अन्य अंतिम समय पर यात्रा करने में सक्षम नहीं थे, लेकिन वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के संपर्क में थे।’
बता दें कि चीन ने सोमवार को अमेरिका के इस आरोप का जोरदार खंडन किया कि ‘नोवेल कोरोना वायरस’ उसके यहां की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ। उसने कहा कि ऐसी आशंका है कि इस महामारी का प्रसार दुनिया में विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग फैलने की वजह से हुआ। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग की यह टिप्प्पणी इन खबरों के बीच आई है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वैज्ञानिकों का दस सदस्यीय दल कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए इस महीने चीन की यात्रा करेगा, जहां दिसंबर, 2019 में यह सामने आया था।
चीन की तरफ से डब्ल्यूएचओ की टीम की यात्रा की पुष्टि की जानी बाकी है और वह उसे देश के मध्यभाग में वुहान जाने की अनुमति देने के विषय पर चुप है। चुनयिंग से जब डब्ल्यूएचओ की टीम की यात्रा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘मेरे पास आपके लिए विस्तृत सूचना नहीं है।’ उनसे यह भी सवाल किया गया था कि क्या इस दल के यात्रा कार्यक्रम में वुहान भी शामिल है। चुनयिंग ने कहा, ‘चीन डब्ल्यूएचओ के साथ सहयोग को बड़ा महत्व देता है। हम डब्ल्यूएचओ के काम के लिए सहयोग और सहूलियत प्रदान कर रहे हैं।’
चीन इस व्यापक दृष्टिकोण पर जोर-शोर से सवाल उठाता रहा है कि जानलेवा महामारी वुहान के समुद्री जीव बाजार से फैली, जहां जीवित जानवर बेचे जाते हैं। यह बाजार पिछले साल की शुरुआत से बंद और सील है। पिछले साल, डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों वाले संचालक मंडल विश्व स्वास्थ्य सभा ने (कोरोना वायरस के संदर्भ में) अंतरराष्ट्रीय एवं डब्ल्यूएचओ के कदमों के ‘निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं समग्र मूल्यांकन’ के लिए स्वतंत्र जांच कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। उसने डब्ल्यूएचओ से ‘इस वायरस के स्रोत और मानव जाति तक उसके पहुंचने के मार्ग’ की जांच करने को भी कहा।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सप्ताहांत में सरकारी मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ‘हमने समय के साथ प्रतिस्पर्धा की और हम दुनिया में मामलों की रिपोर्ट करने वाले पहले देश थे।’ उन्होंने कहा, ‘अधिकाधिक अनुसंधानों से पता चलता है कि संभवत: दुनिया में कई स्थानों पर अलग-अलग फैलने से इस महामारी का प्रसार हुआ।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सोमवार को अमेरिका की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ‘अमेरिका को अपने इस आरोप के पक्ष में सबूत पेश करना चाहिए कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलोजी (डब्ल्यूआईवी) से यह वायरस फैला। उलटे, उन्होंने अमेरिकी सेना द्वारा संचालित प्रयोगशाला की डब्ल्यूएचओ द्वारा जांच की मांग की। वह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैथ्यू पोटिंगर के इस नवीनतम आरोप का जवाब दे रही थीं कि कोविड -19 डब्ल्यूआईवी से फैला है।