चन्दौली हमे अपने देश की मूल सभ्यता को बनाये रखने और माता-पिता के प्रति बच्चों का आदर सत्कार लगातार बढ़ाने के लिये इस दिवस को एक त्यौहार के रूप में मानाने के लिए हिन्दू महासभा चन्दौली के जिलाध्यक्ष आकाश सिंह ने एक ठोस कदम उठाने की मांग की वहीं उन्होंने बताया कि।
माता, पिता एवं गुरुजनों का आदर करना हमारी संस्कृति की शोभा है। लेकिन यह संस्कृति धीरे धीरे लोप होती जा रही है, अपने बड़ों और माता पिता को सम्मान ना देना आज शायद चलन सा बन गया है। आज हम इतना पढ़ लिख लेते है, लेकिन बड़ों का आदर करना भूलते जा रहे है।ज़रा सोचिए यदि आज हम अपने माता पिता के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे तो हमारी आने वाली भावी पीढ़ी का क्या होगा? वो भी तो वही करेगी जो हम से सीखेगी। आज समय है बदलाव का। हमारे माता-पिता हमसे आग्रह नहीं करते कि संतानें उनका सम्मान-पूजन करें। परंतु बुद्धिमान, शिष्ट संतानें माता-पिता का आदर पूजन करके उनके शुभ संकल्पमय आशीर्वाद से लाभ उठाती हैं।
दोस्तों वर्तमान समय में युवा वर्ग अपने माता-पिता का तिरस्कार कर उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं, साथ ही आज के युवा पाश्चात्य सभ्यता को अपनाते दिख रहे हैं। मगर इस तरह के पूजन के आयोजन से बच्चों में अपने माता पिता के प्रति संस्कारों का सृजन होगा।
यदि आज बच्चे माता-पिता व गुरुजन का सम्मान करेंगे तो उनके हृदय से विशेष मंगलकारी आशीर्वाद उभरेगा, जो देश के इन भावी कर्णधारों को ʹवेलेन्टाइन डेʹ जैसे विकारों से बचा सकेंगे। इसीलिए इस दिन अपने माता-पिता की विधिवत पूजा अर्चना करके, माता पिता से बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद लेना चाहिए।
रिपोर्ट – अमित कुशवाहा