नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के Banking के लिए खजाना खोलने के साथ-साथ सरकार ईमानदारी से किस्त चुकाने वालों को सहूलियत देने की तैयारी भी कर रही है। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार का कहना है कि मौजूदा सुधारों के बाद ईमानदार कर्जदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कर्ज लेना आसान होगा।
इसी सप्ताह Banking क्षेत्र में
सरकार ने इसी सप्ताह Banking क्षेत्र में कई सुधारों की घोषणा की। इसके मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के 20 बैंकों में 31 मार्च से पहले 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी।
- इससे उधारी को बल मिलेगा।
- सुधारों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि ।
- बड़े कर्ज देने के लिए सख्त नियम तय किए गए हैं।
- बड़े लोन डिफॉल्टरों पर कड़ी निगरानी रहेगी।
- 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज के मामले में किसी भी नियम के उल्लंघन की रिपोर्ट देना भी अनिवार्य किया गया है।
वित्तीय सेवा सचिव ने कहा, सरकार द्वारा घोषित इस सुधार प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य कर्जदारों की ईमानदारी को पुरस्कृत करना। - सही कर्जदारों की जरूरत के लिए कर्ज की व्यवस्था को आसान व बाधारहित बनाना है।
- कुमार ने कहा कि विभिन्न तकनीकी उपायों के अलावा ।
- जीएसटी रिटर्न से भी बैंकों को नकदी प्रवाह की काफी जानकारी मिल सकेगी।
- इस आधार पर भी बैंक ऋण मंजूरी के बारे में फैसला कर सकते हैं।
- उक्त कदमों के तहत सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों (एमएसएमई)।
- वित्तीय समावेशन और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।