अमेरिकी अभियोजकों ने सौर ऊर्जा अनुबंध रिश्वत मामले में गौतम अदाणी और अन्य पर आरोप लगाए हैं। उसके बाद अदाणी समूह ने शेयर बाजारों के समक्ष अपना पक्ष रखा।अरबपति गौतम अदाणी के समूह की अक्षय ऊर्जा शाखा अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने गुरुवार को शेयर बाजार को बताया कि उसने 60 करोड़ डॉलर का बांड रद्द कर दिया है। कंपनी के शीर्ष प्रबंधन पर अमेरिका में कथित रिश्वतखोरी के एक मामले में आरोप लगाने के बाद यह कदम उठाया गया।
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अमेरिकी अभियोजकों की ओर से गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की रिश्वत देने की योजना में भाग लेने का आरोप लगाने से कुछ घंटे पहले ही फर्म ने अमेरिकी निवेश-ग्रेड बाजार में 20 साल का ग्रीन बांड बेचा था। इस इश्यू को तीन गुना अधिक आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन आरोपों के बाद इसे रद्द कर दिया गया है।
समूह ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने हमारे बोर्ड के सदस्यों गौतम अदाणी और सागर अडानी के खिलाफ क्रमशः न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के संयुक्त राज्य अमेरिका के जिला न्यायालय में एक आपराधिक अभियोग जारी किया है और एक दीवानी शिकायत दर्ज की है।”
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अडानी ग्रीन एनर्जी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इस तरह के आपराधिक अभियोग में शामिल किया है। इन घटनाक्रमों देखकर, हमारी सहायक कंपनियों ने फिलहाल प्रस्तावित अमेरिकी डॉलर मूल्यवर्ग के बॉन्ड की पेशकश को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है।”
कंपनी ने एक महीने पहले भी इसी तरह की पेशकश बेचने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ निवेशकों द्वारा मूल्य निर्धारण पर आपत्ति जताए जाने के बाद सौदे को स्थगित कर दिया गया था। पिछले साल, बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक के कारोबार से जुड़ी इस कंपनी ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के गंभीर आरोपों के बाद अपनी प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक प्रस्ताव (एफपीओ) को रद्द कर दिया था।