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भारत-जापान के बीच गहरे होंगे सांस्कृतिक संबंध

बौद्ध धर्म की महान विरासत पर स्थापित भारत और जापान के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए भारत और जापान के बीच बौद्ध धर्म की साझा सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने के लिए कई गतिविधियाँ कीं है। आज़ादी का अमृत महोत्सव के रूप में जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने स्वागतम इंडिया का शुभारंभ किया और बौद्ध सर्किट पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया।

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जापान में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि भारतीय दूतावास ने स्वागतम इंडिया का आयोजन किया, जापान से भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बौद्ध सर्किट पर एक संगोष्ठी भी की। जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने प्रारंभिक और मुख्य टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का मकसद बौद्ध धर्म को भारत और जापान को जोड़ने वाले एक सामान्य सूत्र के रूप में उजागर करना था।

आपको बता दें कि जापान के ज़ेंकोजी में इक्को संजोन अमिदा न्योराई (अमिताभ बुद्ध) की मूर्ति है, जिसे भारत के बिहार राज्य के वैशाली जिले से जापान लाया गया था और यह जापान की सबसे पुरानी बौद्ध मूर्ति है। इसके अलावा भी भारत-जापान की दोस्ती के अनेको चिन्ह मौजूद हैं।

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इस साल पहली बार भारत और जापान चीन की बढ़ती आक्रमकता के बीच ‘वीर गार्जियन’ नामक एक संयुक्त हवाई अभ्यास कर रहे हैं। यह अभ्यास जापान में 16 से 26 जनवरी तक होगा। जापान क्वाड समूह में भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ पार्टनर है। किशिदा ने भारत_जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए जापान के पीएम के रूप में पहली बार मार्च 2022 में भारत का दौरा किया था। यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने बढ़ती चीनी आक्रमकता के खिलाफ एक साथ आने का फैसला किया था।

रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

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