रायबरेली। सताव ब्लॉक का सुल्तानपुर खेड़ा गांव लगातार हो रही मौतों के चलते डेथ जोन बन गया है। गुरुवार को गांव में एक और मौत हो जाने से अब वहां मौतों का आंकड़ा अट्ठारह पहुंच गया है। उधर पहली मई को गांव में हुई सैंपलिंग की रिपोर्ट आ गई है। आरटी पीसीआर जांच में गांव के 14 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं जिन्होंने खुद को होम आइसोलेट कर लिया है। हालांकि उनके उपचार अथवा देखरेख की कोई भी व्यवस्था प्रशासन अथवा स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं की गई है।
अप्रैल माह के दूसरे पखवाड़े में एक एक करके जब गांव में 17 आर्थियां निकली तो वहां दहशत फैल गई। मौतों का संज्ञान स्वास्थ्य विभाग ने तब लिया जब प्रकरण मीडिया की सुर्खियां बना। नतीजतन विभाग ने सैंपल और फागिंग की औपचारिकता निभा कर प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया। नतीजा यह हुआ की वहां संक्रमण बराबर बना रहा और गुरुवार को गांव के बैग और मास्क व्यवसाई बबलू सविता की मौत हो गई। फिर से लोग दहशत में आ गए। बबलू जुखाम बुखार से पीड़ित थे और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया जाता उनकी मौत हो गई।
अब तक गांव में 18 मौतें हो चुकी हैं। 14 लोग कोरोना संक्रमित हैं जो अपने अपने घरों में आइसोलेट हैं।गलियों में सन्नाटा पसरा है। कोई किसी से बात तक नहीं कर रहा है। गांव के कुछ साहसी युवा कोरोना संक्रमित लोगों से मोबाइल के जरिए बात करके उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। और उन्हें कोरोना से लड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ताकि उनमें निराशा और उपेक्षा का भाव उत्पन्न ना हो। सभी अट्ठारह मृतकों में शामिल राकेश कुमार शुक्ला और अवधेश कुमार गुप्ता की मृत्यु कोविड हॉस्पिटल रेल कोच में हुई है। बाकी सभी मौतें गांव में ही हो गई, क्योंकि उन लोगों को अस्पताल तक ले जाने का मौका ही नहीं मिला।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा