लखनऊ। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदन की में गहमागहमी माहौल पैदा हो गया है। इसके पीछे भाजपा के दल बहादुर कोरी का मायावती को लेकर असंसदीय बयान दिया गया। जिसके बाद सदन में मौजूद बसपा नेताओं नेताओं इस बयान का विरोध किया और मांफी मांगने की बात पर अड़ गए। इस दौरान मायावती के बेहद करीबी रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने कोरी के बयान का समर्थन किया। हालकि बाद में श्री कोरी ने माफी मांग ली तब जाकर मामला शांत हुआ।
भाजपा नेता दल बहादुर कोरी ने अभिभाषण के बाद
सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद भाजपा नेता दल बहादुर कोरी ने अपनी बात सदन में रखी इस दौरान उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह पर ताबड़तोड़ हमले किये उन्होंने इस दौरान दोनों नेताओं पर कई गंभीर आरोप भी लगाये पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का नाम लेकर टिप्पणी की तो विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें टोक दिया। इस पर कोरी ने अपने शब्द वापस ले लिए।
इसके बाद उन्होंने बसपा सुप्रीमो पर निशाना साधा। उन पर असंसदीय टिप्पणी का आरोप लगाते हुए बसपा के सुखदेव राजभर ने आपत्ति जताई। बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि एक पार्टी की अध्यक्ष पर आरोप लगाना संसदीय गरिमा के विपरीत है। उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकालने और सदस्य द्वारा खेद व्यक्त करने की मांग की।
स्वामी प्रसाद ने किया समर्थन
इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री की सीट पर बैठे श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कोरी के बयान का समर्थन किया उन्होंने कहा कि कोरी ने आरोप नहीं लगाए हैं, अपनी आप बीती सुनाई है। उन्होंने किसी नेता का नाम नहीं लिया। उनके इस बयान पर लालजी वर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मौर्य जो कुछ भी है बसपा अध्यक्ष की वजह से हैं। मौर्य ने कहा कि जब तक मायावती बाबा साहब व कांशीराम के मिशन पर चल रही थीं, वह उनके साथ थे।