नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद पर कर्नाटक के पक्ष में फैसला दिया। इसके साथ आदेश दिया कि वह अपने बिलिगुंडलू डैम से तमिलनाडु के लिए 177.25 टीएमसी पानी छोड़े। वर्ष 2007 में कावेरी ट्रिब्यूनल के अवॉर्ड में 192 टीएमसी पानी छोड़ने का ऑर्डर दिया गया था।
- यह विवाद तमिलनाडु-कर्नाटक और केरल के बीच था।
- तीनों राज्यों ने ट्रिब्यूनल के अवॉर्ड को फरवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
- अदालत ने पिछले साल 20 सितंबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
तमिलनाडु का 15 टीएमसी पानी घटा
मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि कर्नाटक को अब 284.75 टीएमसी पानी मिलेगा। केरल को 30 टीएमसी और पुड्डूचेरी को 7 टीएमसी पानी मिलता रहेगा। उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के कावेरी बेसिन में जमीन के नीचे मौजूद 20 टीएमसी पानी में से 10 टीएमसी पानी इस्तेमाल करने की भी इजाजात दे दी है।
- कोर्ट ने कहा कि पीने के पानी को सबसे ऊंचे लेवल पर रखा जाना चाहिए।
- कोर्ट ने यह भी कहा कि उसका यह फैसला 15 साल के लिए लागू रहेगा।