लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा नवगठित पंजाबी एकेडमी का स्वागत और सम्मान लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिंडोला में किया गया। सम्मान स्वरूप उपाध्यक्ष और सभी सदस्यों को सिरोपा और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। यह जानकारी कमेटी के प्रवक्ता सतपाल सिंह मीत ने दी। उत्तर प्रदेश पंजाबी एकेडमी गठित होने के बाद उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह विक्की छाबड़ा तथा सदस्यगण जसविंदर सिंह, लखविंदर पाल सिंह, सुखदर्शन सिंह बेदी, जगनैन सिंह नीटू ने एकेडमी के कार्यालय में जाकर पदभार ग्रहण किया। उसके बाद लखनऊ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिंडोला में आकर गुरु महाराज के सामने माथा टेक कर आशीर्वाद लिया। वहीं पर उन सबको लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा ने कहा कि जब सर्वप्रथम पंजाबी एकेडमी का गठन करके मुझे उसका संस्थापक उपाध्यक्ष बनाया गया तब एकेडमी का बजट बहुत कम था और केवल पाँच लाख रुपये था। सीमित बजट की वजह से बहुत ज्यादा काम नहीं किए जा सके, परन्तु अब इसका बजट एक करोड़ रुपये से ज्यादा है इसलिए एकेडमी को उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों के मुताबिक प्रदेश भर में पंजाबी भाषा और सभ्याचार का प्रचार और प्रसार करने के लिए अधिक संसाधन हैं।
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महामंत्री और एकेडमी के पूर्व उपाध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने कमेटी के सभी पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार ने आपको मौका दिया है कि आप पंजाबी भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। पूरी टीम युवा है इसलिए इसकी क्षमताएं बहुत हैं और इसको सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अधिकाधिक श्रम करके कार्य करना चाहिए।
सम्मान ग्रहण करने के बाद एकेडमी की तरफ से उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह विक्की छाबड़ा ने लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सब हमारी पूरी टीम पंजाबी भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए जी तोड़ मेहनत करेंगे और सरकार और संगत की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के हरविंदर पाल सिंह नीटा, करमजीत सिंह सलूजा, राजवंत सिंह बग्गा सहित प्रबंधक कमेटी के सभी प्रमुख सदस्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।