उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गैंगरेप पीड़िता के बाप पर किया गया हमला प्रदेश में पिछली सपा सरकार में हुई गायत्री प्रजापति की घटना को याद दिलाती है। पीड़ित परिवार ने बताया कि शिकायत को लेकर पहले उसके परिवार पर हमला किया गया। उसके पिता को घर में उसकी आंखों के सामने rapist ने लहूलुहान कर मार मारकर घायल कर दिया गया। जिसके खिलाफ आवाज उठाने पर आरोपियों ने अपनी नाजायज पावर का इस्तेमाल करते हुए पुलिस को दबाव में लेकर मामले को रफादफा करवा दिया गया। इसके बाद पीड़िता के पिता को ही मामले में आरोपी बनाते हुए केस को दबाने के लिए थाने से लेकर पुलिस हिरासत तक टार्चर किया गया। यही नहीं डाक्टरों ने भी इसकी पुष्टि की है कि रेप पीड़िता के पिता को गंभीर चोटें होने के बावजूद इलाज में लापरवाही की हुई।
- उसे फिर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
- जिससे उसकी मौत हो गई।
- अब सवाल ये भी है क्या पीड़ित परिवार के मुखिया की जिस मामले को लेकर मौत हुई।
- अब उसे कौन संभालेगा, आखिर कैसे चलेगी पीड़ित परिवार की जिंदगी?
क्या rapist व गुंडों पर मेहरबान है योगी सरकार
यूपी सीएम आवास के सामने अपनी मां, चाची, दादी, चार बहनों व एक मासूम भाई के साथ रेप पीड़िता पहुंची थी। युवती ने बताया कि अदालत में चल रहा एक मुकदमा वापस लेने से इनकार करने पर पांच दिन पहले विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, भाई और उनके गुर्गों ने उसके पिता को पेड़ से बांधकर बुरी तरह पीटा था और घसीटते हुए ले गए थे। पीड़िता ने पुलिस से लेकर शासन प्रशासन तक न्याय की गुहार लगाई। लेकिन उसे अनसुना करने के साथ उसके पिता पर आये दिन विधायक और उसके भाई अतुल सिंह व गुर्गों ने हमलावर होते हुए गंभीर चोटों के साथ मानसिक प्रताड़ना दी।
- रिपोर्ट वापस लेने के लिए जान से मारने तक की धमकियां दी गई।
- आखिरकार पीड़ितों के सिर से पिता का साया छीनने में विधायक और उसका भाई कामयाब रहा।
- पीड़ित परिवार की मदद के बजाय सरकार में बैठे अमानुषों ने पीड़ितों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
क्या सीएम योगी भी दागी विधायकों पर हैं मेहरबान, कई कब्जे फिर भी नहीं खाली हुए
पिछले दिनों सीएम योगी के पास न्याय की उम्मीदें बांधे आये एक व्यापारी के साथ किय गये अमानवीय व्यवहाहर के बाद एक व्यापारी फफक फफक कर भरी जनता के बीच रो पड़ा था। जो कि वर्षों से सीएम योगी से मिलकर अपनी समस्या बताने की फिराक में था। लेकिन जब सामने पहुंचा तो उसे ऐसी बेइज्जती मिली की दोबारा जिंदगी में उसे भूल पाना मुश्किल होगी। दरअसल राजधानी के व्यापारी आयुष सिंघल की 22 एकड़ जमीन पर पूर्व बाहुबली मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के विधायक बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने कब्जा कर लिया है। अमनमणि अपनी ही पत्नी सारा का हत्यारा और दबंग विधायक भी है। जिसने कई जगहों पर अपने कब्जे जमा रखे हैं। इसके किसी भी कब्जे को मुक्त कराने और कार्रवाई करने में दिलचस्पी नहीं ली।
- जिससे अब तक इसके एक भी कब्जे को मुक्त नहीं किया गया है।
- उल्टे जिसने शिकायत की, उसके खिलाफ ही कार्रवाई कर दी गई।
- राजधानी के तिवारीगंज इंदिरानहर से सटे किसान पथ के किनारे भी दबंग अमनमणि ने कई बीघे जमीन पर कब्जा जमा रखा है।
- लेकिन कोई अफसर भी उसकी ओर नजर उठाने की हिम्मत नहीं कर रहा है।
फर्जी मामला दर्ज करने वाली पुलिस होश में आई, विधायक के भाई को किया गिरफ्तार
पीड़िता के अनुसार पुलिस से मिलीभगत के कारण उसके पिता पर फर्जी मामला दर्ज करवाकर मारपीट कर जेल भिजवाया गया। उसके बावजूद पिता ने मुकदमा वापस नहीं लिया। जिससे गंभीर रूप से प्रताड़ित पिता ने दम तोड़ दिया।
- जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामले के पहुंचने के बाद अब पुलिस को होश आया।
- हरकत में आई पुलिस ने विधायक के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।