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वर्ष 2020 में पानी बचाने में उत्तर प्रदेश रहा अव्वल, जलशक्ति मंत्री ने की राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा

पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। कहा भी गया है ‘जल है तो कल है’। पानी की मांग निरंतर बढ़ रही है, लेकिन अत्यधिक जल दोहन की वजह से इसकी उपलब्धता कम हो रही है।

वर्ष 2020 में पानी बचाने में उत्तर प्रदेश पूरे देश में अव्वल रहा। राजस्थान दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर रहा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यहां वर्ष 2020 के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा की।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर को उत्तरी जोन में जल संरक्षण के लिए सर्वश्रेष्ठ जिले का सम्मान मिला। दूसरा स्थान पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर को मिला। दक्षिण में केरल का तिरुअनंतपुरम जिला पहले स्थान पर रहा।

जबकि पश्चिमी जोन में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले ने सर्वाेच्च स्थान प्राप्त किया। गुजरात के वडोदरा और राजस्थान के बांसवाड़ा जिले ने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया। पूर्वोत्तर क्षेत्र में असम के गोआलपारा और अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले को जल संरक्षण के प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय जल पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि कृषि, सिंचाई, औद्योगिक और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में इस समय प्रति वर्ष 1,000 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता है।

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