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गज़ब का विश्लेषण

किशन भवनानी

विश्व में किसी भी देश के सुव्यवस्थित विकास के लिए योजनाएं, परियोजनाएं, नीतियां और सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक बजट बनाना होता है। उससे भी महत्वपूर्ण उन योजनाओं, परियोजनाओं, नीतियों को रणनीतिक रोडमैप बनाकर पारदर्शिता से क्रियान्वयन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिससे निपटने के लिए कुशल नेतृत्व की आवश्यकता होटी है। ऐसे नेतृत्व के ‘झुंड’, यानी कि टीम में कुशल विशेषज्ञों, हितधारकों, शासन प्रशासन शामिल होता है। इसके अलावा, आम जनता का सहयोग और रुचि भी अति महत्वपूर्ण है, जो उन देशों के लिए विकास के सफलता की कुंजी है।

यही नीति भारत पर भी लागू होती है और रणनीतिक रोडमैप बनाने से लेकर योजनाओं, परियोजनाओं और सालाना बजट को धरातल पर पारदर्शिता से हितधारकों तक क्रियान्वयन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।

पिछले कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि डिजिटल इंडिया के ज़रिए, नए भारत के परिपेक्ष्य में कुछ बदलते अंदाज में विश्लेषण किया जा रहा है। योजनाओं का रणनीतिक रोडमैप बनाकर उसके क्रियान्वयन के लिए सुचारू रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए लाभार्थी क्षेत्रों की जड़ में जाकर लाभ को हितधारकों तक किस तरीके से पहुंचाएंगे, इसका गज़ब का विश्लेषण कर वेबिनार के ज़रिए बताया जा रहा है।

वर्तमान में 01 फरवरी 2022 को घोषित बजट 2022 के संपूर्ण क्षेत्रों जैसे, स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा, परिवहन, दूरसंचार, प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, निजीकरण, रेल सहित हर क्षेत्र और विभाग को किस तरह आर्थिक लाभ, सुरक्षित आर्थिक अलोकेशन और योजनाओं का रोडमैप तैयार किया गया है। इस साल पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि उपरोक्त हर विभाग और क्षेत्र के मंत्रालयों से लेकर प्रशासन स्तर पर, रोज़ अलग-अलग वेबिनार आयोजित किए जा रहे हैं। उसमें उस क्षेत्र के विशेषज्ञों हितधारकों, बुद्धिजीवियों सहित आम जनता को बज़ट 2022 में उस क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों के हित को समझाया जा रहा है। विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार से गज़ब का विश्लेषण कर प्रावधानों, एलोकेशंस के लाभों को समझाया है, वो काबिले-ए तारीफ़ है।

पीएम मोदी के कुछ दिनों से बजट 2022 के विभिन्न क्षेत्रों में पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों का उन क्षेत्रों में आयोजित वेबिनार में गज़ब के विश्लेषण किया है। हाल ही में शिक्षा, कृषि, ग्रामीण और रक्षा क्षेत्र में वेबिनार में उन्होंने संबोधन किया। शिक्षा क्षेत्र के वेबिनार में प्रधानमंत्री ने बज़ट 2022 में शामिल पांच पहलुओं पर विस्तार से बताया है। सबसे पहले, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को व्यापक बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। पहला, शिक्षा क्षेत्र की बढ़ी हुई क्षमताओं के साथ बेहतर गुणवत्ता के साथ शिक्षा का विस्तार करना।

दूसरा, कौशल विकास पर जोर दिया गया है। एक डिजिटल कौशल इकोसिस्टम बनाने, उद्योग की मांग के अनुसार कौशल विकास और बेहतर उद्योग संपर्क बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। तीसरा, भारत के प्राचीन अनुभव तथा शहरी तथा योजना और डिजाइनिंग के ज्ञान को शिक्षा में शामिल करना महत्वपूर्ण है।

चौथा, अंतर्राष्ट्रीयकरण पर बल दिया गया है। इसमें विश्व स्तर के विदेशी विश्वविद्यालयों का आगमन और गिफ्ट सिटी के संस्थानों को फिनटेक से संबंधित संस्थान सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है। पांचवां, एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग कॉमिक पर ध्यान केंद्रित करना, जहां रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और जो एक बड़ा वैश्विक बाजार है। उन्होंने कहा, “इस बजट से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को साकार करने में काफी मदद मिलेगी।

कृषि क्षेत्र पर पीएम ने कहा कि बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए मुख्य रूप से सात रास्ते सुझाए गए हैं। उन तरीकों पर चर्चा की जिनसे बजट कृषि क्षेत्र को मजबूत करने में योगदान मिलेगा। वेबिनार ‘स्मार्ट कृषि’- कार्यान्वयन के लिए रणनीतियों पर केंद्रित था।

ग्रामीण क्षेत्र पर उन्होंने कहा बजट में ग्रामीण क्षेत्र की करें तो इस बजट में सरकार द्वारा सैचुरेशन के इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप दिया गया है। बजट में पीएम आवास योजना, ग्रामीण सड़क योजना, जल जीवन मिशन, नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी, गांवों की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, ऐसी हर योजना के लिए जरूरी प्रावधान किया गया है। बजट के बाद, बजट घोषणाओं को लागू करने के दिशा में आज आप सभी स्टेकहोल्डर्स से संवाद अपने आप में एक बहुत अहम है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारी सरकारी की पोलिसी और एक्शन इसका मूलभूत परिणाम सूत्र है।

बजट में रक्षा क्षेत्र के विश्लेषण की करें तो, इस साल के बजट में देश के भीतर ही रिसर्च, डिज़ाइन और डेवलपमेंट से लेकर मैन्युफेक्चरिंग तक का एक वाइब्रेंट इकोसिस्टम विकसित करने का ब्लूप्रिंट है। रक्षाबजट में लगभग 70 परसेंट सिर्फ घरेलू उद्योगों के लिए रखा गया है। डिफेंस मिनिस्ट्री, अब तक 200 से भी ज्यादा रक्षा प्लेटफार्म और इक्विपमेंट्स की पॉजिटिव इंडिजेनीशन सूचि जारी कर चुकी है।

बजट 2022 में स्वाभाविक रूप से कुछ चुनौतियो भी हैं। जिस तरह से एलोकेशन किए गए हैं उसके लिए संसाधन जुटाना, पूंजीगत व्यय में वृद्धि की चुनौती, स्वास्थ्य और रोज़गार के वैकल्पिक तरीकों कौशल विकास इत्यादि चुनौतियां हैन। फिर भी दो समस्याएं महत्वपूर्ण हैं पहली हमें शीघ्रता से रोज़गार सृजित करने की जरूरत है। क्यों कि सार्वजनिक रूप से विनियमित संस्थानों के माध्यम से कौशल प्रदान करने के कार्य को अच्छी तरह से किये जाने की उम्मीद पर बल देना होगा। हम सभी इस बात से अवगत हैं कि राज्य द्वारा संचालित स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा प्रणाली कैसे काम करती है और यह इस प्रणाली को अपडेट करता है। इसलिए, यह आशा है कि हम युवा महिलाओं और पुरुषों को बाजार की गतिशील और हमेशा बदलती जरूरतों से मेल खाने के लिए कौशल प्रदान कर सकते हैं, केवल एक सोचनीय हो सकता है।

दूसरी बड़ी समस्या, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 (2019-21) के निष्कर्षों में है। एनएफएचएस-5 कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य आदानों के वितरण में महत्वपूर्ण सुधार दिखाता है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हर विभाग का केंद्रीय बजट 2022 के उपरांत सकारात्मक विश्लेषण, वेबीनार से उत्सव का माहौल बन रहा है। क्योंकि पीएम द्वारा खुद बजट से हर क्षेत्र की प्रभावोत्पादकता का गजब का विश्लेषण किया जा रहा है जो सराहनीय है वैसे भी रणनीतिक रोडमैप से योजना, बजट 2022 का धरातल पर पारदर्शिता से हितधारकों तक क्रियान्वयन कराना चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें हम ज़रूर सफल होंगे।

(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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