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त्वचा का रुखापन और कब्ज रहना नहीं हैं किसी आम बीमारी के लक्ष्ण, देखिए यहाँ

आजकल कई लोग थायराइड बीमारी से पीड़ित हैं. थायराइड में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन भी हो जाते हैं. थायरॉइड गले में पाई जाने वाली एक तरह की ग्रंथि है.

ये ग्रंथि तितली के आकार के होती है और गले के सामने वाले हिस्से, स्वरयंत्र के नीचे की ओर पाई जाती है. जो मेटाबॉलिज्म  नियंत्रित करती है. से बचने का सबसे बढ़िया तरीका, स्वस्थ थायरॉइड को बनाए रखना है.

थाइरॉयड रोग के लक्षण अलग-अलग रोगियों में अलग-अलग नजर आ सकते हैं। लेकिन कुछ सामान्य लक्षण जो हाइपोथायरॉइडिज़म के ज्यादातर मरीजों में देखने को मिलते हैं वो हैं

त्वचा का रुखापन
-आवाज में बदलाव
-बाल तेजी से झड़ना
-कब्ज रहना
-थकान महसूस करना
– मांसपेशियों में ऐंठन होना
– हल्की-सी ठंड भी बर्दाश्त ना कर पाना

थाइरॉयड रोगी अपनी डाइट में फाइबर शामिल करके अपना वजन जल्दी से घटा सकते हैं। फाइबर का सेवन पाचन को विनियमित करके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके लिए आप अपनी डाइट में उचित मात्रा में फल, सब्जी और दालें शामिल कर सकते हैं।

हेल्थ पर हुए कई शोध की मानें तो ग्लूटन सेंसिटिविटी और कुछ ऑटोइम्यून स्थतियों के बीच गहरा रिश्ता पाया गया है। ग्लूटन युक्त पदार्थ सूजन पैदा करके थायरॉयडिटिस बढ़ा सकता है।उदाहरण के लिए, हाशिमोटो थाइरॉयडिटिस के कारण व्यक्ति को थाइरॉयड हो सकता है।

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