- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, August 10, 2022
लखनऊ। बाबासाहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लिखी पुस्तक ‘मोदी जी के व्यक्तित्व में असम्भव समन्वय है।’ पर विचार गोष्ठी आज दिनांक सम्पन्न हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व अध्यक्ष विधान सभा उत्तर प्रदेश ने अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा, “बौद्धिक लोग भाव प्रवण तार्किक नहीं होते। स्वप्नदृष्टा यथार्थवादी नहीं होते, यथार्थवादी स्वप्नदृष्टा नहीं होते। मोदी जी के व्यक्तित्व में असम्भव समन्वय है। भारत की रिद्धि, सिद्धि, समृद्धि अपराज्यता प्राचीन राष्ट्रीय अभिलाषा है। वे तार्किक और भावप्रवण है। स्वप्नदृष्टा और यथार्थवादी भी है।”
दीक्षित जी ने मोदी जी की अर्थनीति, विदेशनीति, सामरिक विषयों पर उनकी सूझ बूझ की प्रशंसा की। उनकी देश को समर्पित जनकल्याणकारी योजनाओं का विश्लेषण किया।