ताजा मूली (Raddish) खाने से पाचनशक्ति बढती है। मूली के पत्ते भी खाये जाते हैं। मूली के पत्ते पाचनशक्ति बढ़ाने का काम करते हैं। मूली को सलाद के रूप में ज्यादातर प्रयोग किया जाता है। मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
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सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है। थकान मिटाने और अच्छी नींद लाने में भी मूली काफी फायदेमंद होती है। पेट के की़ड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है।
हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है। पेट संबंधी रोगों में यदि मूली के रस में अदरक का रस और नीबू मिलाकर नियम से पियें तो भूख बढ़ती है। मूली खाने के बहुत फायदे हैं।
माना जाता है कि मूली खांसी बढ़ाती है। लेकिन यह गलत है। सूखी मूली का काढ़ा बनाकर जीरे और नमक के साथ उसका सेवन किया जाये, तो न केवल। खांसी बल्कि दमे के रोग में भी लाभ होता है। त्वचा के रोगों में यदि मूली के पत्तों और बीजों को एक साथ पीसकर लेप कर दिया जाये, तो यह रोग खत्म हो जाते हैं।
सर्दियों में भारत में मूली के बहुत सारे व्यंजन बनाये जाते हैं। यह एक बहुत ही स्वादिष्ट और तीखी चटनी है। सर्दियों में गर्मागर्म परांठों के साथ इसे परोसें तो ये आपके परांठों का स्वाद भी दुगना कर देगी।
विधि : सबसे पहले Raddish को छील कर कद्दूकस कर लीजिये। अब एक पैन में साबुत धनिया, राई, जीरा और कढ़ी पत्ता डालकर सेक लीजिये जिससे इनकी खुशबू बढ़ जाये। एक कड़ाही में तेल गर्म कीजिये और इसमें कद्दूकस की हुई मूली डालकर 5 मिनट तक पकने दीजिये।
जब तक Raddish ठंडी हो तब तक ग्राइन्डर में भुने मसाले, लाल मिर्च डालकर पीस लीजिये ताकि इसका महीन पाउडर बन जाये। इसी मसाले में पकी हुई मूली मिलायें. साथ ही नमक और इमली का पेस्ट मिलाकर अच्छी तरह पीस लीजिये। तैयार है मूली की चटपटी चटनी। इसे आप सर्दियों में गर्मागर्म परांठों के साथ परोस सकते हैं। यह मूली की चटनी आप फ्रिज में रख सकते हैं और तब इसे आप 7 दिन तक भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
सामग्री : 2 मूली,2 सूखी लाल मिर्च (साबुत),2 छोटा चम्मच साबुत धनिया,2 छोटा चम्मच राई,1 छोटा चम्मच जीरा,20 कढ़ी पत्ता,2 छोटा चम्मच इमली का पेस्ट,2 छोटा चम्मच तेल,स्वाद अनुसार नमक