अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भारतीय मूल की निक्की हेली ने चीन और पाकिस्तान पर जमकर गुस्सा निकाला है। साल 2024 के लिए रिपब्लिकन नेता हेली ने कहा कि चीन, पाकिस्तान और अन्य अमेरिकी विरोधी देशों को दी जाने वाली विदेशी सहायता में कटौती की जाएगी।
उन्होंने कसम खाई कि अगर वह राष्ट्रपति बनती हैं तो एक-एक पैसा की मदद के लिए इन्हें मजबूर किया जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान की मदद के लिए बाइडेन सरकार की आलोचना भी की।
निक्की हेली के अलावा रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवारों में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी भी मैदान में है। इनके अलावा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी रेस में शामिल हैं। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने कहा, “मैं अपने दुश्मनों को भेजी जाने वाली विदेशी सहायता में एक-एक प्रतिशत की कटौती करूंगी। बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता फिर से शुरू कर दी है और अमेरिकी करदाता अभी भी कम्युनिस्ट चीन को पैसा देते हैं।”
शुक्रवार को प्रकाशित न्यू यॉर्क पोस्ट में हेली ने विदेशी सहायता को संभालने के तरीके के लिए अमेरिकी आलोचना की और कहा कि अमेरिका ने पिछले साल इराक, पाकिस्तान और यहां तक कि चीन जैसे देशों की सहायता के लिए 46 अरब डॉलर खर्च किए। इसके लिए हेली ने ट्रंप के अलावा बाइडेन दोनों को कसूरवार ठहराया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ जो बाइडेन ने नहीं किया। यह दोनों पार्टियों के अध्यक्षों के तहत दशकों से हो रहा है। हमारी विदेशी सहायता नीतियां अतीत में अटकी हुई हैं। वे आम तौर पर ऑटोपायलट पर काम करते हैं, हम सहायता हासिल करने वाले देशों के आचरण पर कोई विचार नहीं करते हैं।”
उन्होंने विशेष रूप से इराक और पाकिस्तान और उन देशों को विदेशी सहायता का हवाला दिया जहां आतंकवादी संगठन संचालित हो रहे हैं और ये सरकारें अमेरिका समर्थित नहीं हैं।
51 वर्षीय निक्की हेली ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता बहाल करने के लिए बाइडेन प्रशासन की आलोचना की। फॉक्स न्यूज ने हेली के हवाले से बताया कि वह “अमेरिकी विरोधी देशों” को अरबों डॉलर भेजना बंद करने का वादा करती हैं।”