उमेश पाल की हत्या से पूर्व अतीक के बेटे असद समेत सभी शूटरों को अलग-अलग मोबाइल और सिम कार्ड दिए गए थे। बताया जा रहा है कि फर्जी नाम और पते से मोबाइल व सिम कार्ड खरीदे गए थे। यह बात भी सामने आई है कि ज्यादा पैसा देकर पहले से एक्टिव सिम कार्ड लिए गए थे।
WPL 2023: मुंबई इंडियंस ने गुजरात जायंट्स को हराया , दर्ज की लगातार पांचवीं जीत
पुलिस से बचने के लिए धूमनगंज पहुंचने के बाद यानी वारदात को अंजाम देने से लगभग एक घंटा पूर्व शूटरों ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए थे ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस न हो सके। इसके अलावा चैट और मैसेज भी मिटा दिए गए थे ताकि अगर मोबाइल किसी के हाथ लग भी जाता है तो कोई रिकार्ड न मिले।
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विजय चौधरी उर्फ उस्मान ने मरने से पहले खुलासा किया था कि उसे शूटर गुलाम ने 55 हजार रुपये दिए थे। काम होने के बाद अतीक ने दस लाख रुपये और एक गाड़ी देने की बात कही थी। उस्मान के इस बयान की पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि अन्य शूटर भी अतीक के घर पर काम करते थे। साबिर गाड़ी चलाता था तो अरमान बाहर का काम करता था। इन शूटरों को रुपयों का लालच देकर हत्याकांड में शामिल किया गया था।
हालांकि कोई भी पुलिस अफसर अभी यह बात आधिकारिक तौर पर नहीं कह रहा है। बताया जा रहा है कि अब पुलिस फरवरी 2023 में खरीदे गए एक्टिव सिम कार्ड की जानकारी एकत्र कर रही है। सर्विलांस की मदद से यह पता लगा रही है कि कौन-कौन से नए सिम कार्ड इस्तेमाल किए गए हैं।
हजारों मोबाइल नंबरों के बीच इन शूटरों की पहचान करने में पुलिस को समय लग रहा है। पुलिस थोक में सिम कार्ड खरीदने वाले का भी पता लगा रही है। इस बात को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि अतीक के बेटे असद ने अपना आईफोन पहले ही लखनऊ स्थित अपार्टमेंट में छोड़ दिया था। पुलिस वह आईफोन वहां से बरामद कर चुकी है। घटना के वक्त उसके पास कोई और फोन और सिम था।