यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने अपने ही ‘भाड़े के सैनिकों’ (Mercenary) पर विद्रोह के गंभीर आरोप लगाए हैं। रूसी सेना इस समय यूक्रेन के साथ-साथ पुतिन के बुलाए भाड़े के सैनिकों यानी वैगनर ग्रुप का भी सामना कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, आश्चर्यजनक रूप से बढ़ती अंदरूनी लड़ाई में, रूस ने वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन पर सशस्त्र विद्रोह का आह्वान करने का आरोप लगाया। प्रिगोझिन ने शनिवार को कहा कि उसके लोग यूक्रेन से अब रूस की सीमा में घुस गए हैं और रूसी सेना के खिलाफ “हर हद तक” जाने के लिए तैयार हैं।
वैगनर ग्रुप के प्रमुख प्रिगोझिन और रूसी सेना के शीर्ष अधिकारियों के बीच लंबे समय से चल रहा गतिरोध चरम पर पहुंच गया है। रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा ने प्रिगोझिन के खिलाफ एक आपराधिक मामला शुरू किया है। इसने वैगनर ग्रुप के भाड़े के सैनिकों से कहा है कि वे प्रिगोझिन के आदेश की अनदेखी करें और उसे गिरफ्तार कर रूसी सेना के हवाले करें। क्रेमलिन द्वारा प्रिगोझिन पर सशस्त्र विद्रोह का आह्वान करने का आरोप लगाने के कुछ ही समय बाद यह कदम उठाया गया।
लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ये भाड़े के सैनिक नियंत्रण से बाहर हो चुके हैं। प्रिगोझिन पिछले दिनों सोशल मीडिया कहता आ रहा है कि उसने यूक्रेन के कई शहरों पर अकेले कब्जा किया है और रूसी सेना ने उसकी मदद नहीं की। वह महीनों से खुलेआम रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और रूस के शीर्ष जनरल वालेरी गेरासिमोव की अक्षमता और उनकी सेना को गोला-बारूद देने से इनकार करने का आरोप लगा रहा है। प्रिगोझिन ने रूसियों से उनकी सेना में शामिल होने और रूसी सैन्य नेतृत्व को दंडित करने का आग्रह किया है। यानी उसने खुले तौर पर विद्रोह का बिगुल बजा दिया है।
यूक्रेन युद्ध में वैगनर ग्रुप का नाम बार-बार आया है। यह एक निजी सैन्य कंपनी है। येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व में वैगनर ग्रुप जैसी ताकतों को सबसे भीषण लड़ाई का खामियाजा भुगतना पड़ा है, खासकर बखमुत के लिए खूनी लड़ाई के दौरान। यहां उसने बड़ी संख्या में अपने लड़ाकों को खोया। जून 2023 में, रक्षा मंत्रालय ने जाहिर तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थन से ऐलान किया कि वह इन अनियमित बलों और मिलीशिया यानी सशस्त्र समूहों को अपने नियंत्रण में लाएगा।