लोकसभा चुनाव में अब कुछ महीनों का ही वक्त बचा है। अगले साल अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं। उससे पहले एक तरफ विपक्षी एकता को लेकर मीटिंग हो रही हैं तो वहीं सत्ताधारी भाजपा भी अपने तरीके से अलग-अलग राज्यों में रणनीति बना रही है।
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महाराष्ट्र में बीते साल एकनाथ शिंदे के साथ सरकार बनाने वाली भाजपा ने अब अजित पवार को पाले में ले लिया है। इसके अलावा बिहार में भी जीतनराम मांझी, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और सहनी जैसे नेताओं के जरिए वह कुनबा बढ़ा रही है। यही नहीं अब उसने मिशन कर्नाटक भी शुरू कर दिया है।
जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता। लेकिन कुछ भी संभव है। इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। संभव है कि इस साल के अंत तक कुछ हो या फिर लोकसभा चुनाव के बाद हो। उसके लिए हमें इंतजार करना होगा।’ वहीं इसके जवाब में येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी ने जो भी कहा है, वह पूरी तरह सही है। मैं उनकी बात का समर्थन करता हूं। कुमारस्वामी और हम साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक में पहले भी भाजपा और जेडीएस गठबंधन कर चुके हैं।
भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा की टिप्पणी से भी इस बात के संकेत मिल रहे हैं। चर्चा है कि कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस और भाजपा साथ आ सकते हैं। विधानसभा चुनाव में दोनों दलों ने अलग चुनाव लड़ा था, जिसमें कांग्रेस की जीत हुई और भाजपा दूसरे नंबर पर रही।
वहीं जेडीएस ने अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन किया। इसलिए यह दोनों की मजबूरी भी है कि वे राज्य में साथ मिलकर चुनाव लड़ें ताकि कांग्रेस को चुनौती दी जा सके। इसके अलावा मोदी ब्रांड की वजह से जेडीएस को भी उम्मीद है कि वह भाजपा के साथ लड़कर लोकसभा में कुछ अच्छा कर सकती है।