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विकसित होता यूपी और पारदर्शी चयन प्रक्रिया

सुशासन के योगी मॉडल में विकास के नये आयाम स्थापित हुए हैं। नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार विगत छह वर्षों में उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से उबर कर विकसित राज्य बनने की ओर अग्रसर है। इस अवधि में गरीबी की दर करीब अड़तीस प्रतिशत से घटकर करीब ग्यारह प्रतिशत हो गई है।

योगी आदित्यनाथ ने सरकारी नौकरियों की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है। सरकारी नौकरियों की चयन प्रक्रिया में नियमों का पालन होता है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता।

विकसित होता यूपी और पारदर्शी चयन प्रक्रिया

यही कारण है कि योगी आदित्यनाथ नैतिक आत्मविश्वास के साथ चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हैं। यह दावा करते हैं कि प्रदेश में नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़े हुए जो भी आयोग और बोर्ड हैं, उन पर कोई भी उंगली नहीं उठा सकता। तकनीकी का प्रयोग करते हुए सारी प्रक्रियाएं पारदर्शी रुप से सम्पन्न की जा रही हैं।

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प्रदेश सरकार का किसी भी आयोग या बोर्ड के कार्य में हस्तक्षेप नहीं है। नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से कराना आयोग और बोर्ड का अधिकार है। वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ और बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत डेढ़ वर्षों में यह उन्नीसवां नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम है, इस प्रक्रिया में लगभग अट्ठावन हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री 

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