एलडीए में भूखंडों के घालमेल का नया मामला सामने आया है, जिसे ड्रोन सर्वे ने पकड़ा है। गोमतीनगर की अहम विभूति खंड योजना में प्राइम लोकेशन के नौ व्यावसायिक भूखंडों को अवैध कब्जेदारों ने सालों से मोटे किराये पर दे रखा था। कोई इनमें स्कूल तो कोई चाय का होटल चला रहा था। जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इन भूखंडों की अनुमानित कीमत 200 करोड़ रुपये से अधिक है।
एलडीए के प्लानिंग, अर्जन, अभियंत्रण, संपत्ति विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते इन बेशकीमती भूखंडों पर अवैध कब्जा व अतिक्रमण था। खास बात है कि इनमें से कुछ भूखंड आवंटन निरस्त होने के बाद खाली हो गए थे फिर भी प्लानिंग एवं संपत्ति विभाग ने इन्हें दोबारा बेचने के बजाय ठंडे बस्ते में डाल दिया।
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बीते दिनों हुए ड्रोन सर्वे के बाद एसडीएम (अर्जन) शशिभूषण पाठक की टीम ने 288 वर्गमीटर के भूखंड से अवैध कब्जा हटाया। इस पर चाय का होटल चल रहा था। इसी प्रकार 1100 वर्गमीटर के भूखंड पर अवैध कब्जेदार स्कूल चला रहा था। ड्रोन सर्वे से 22.10 करोड़ की कीमत के व्यावसयिक भूखंड का पता लगाया है। इसे ई-ऑक्शन में भी शामिल किया जा रहा है। 3100 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के इस भूखंड की कीमत 1.30 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर है। अन्य छह भूखंड 1450, 1500 और 1700 वर्गमीटर के हैं। इनकी कीमत 1.14 से 1.30 लाख रुपये वर्गमीटर है।
ई-ऑक्शन में शामिल होंगे भूखंड
एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि प्राधिकरण ने गोमतीनगर की विभिन्न योजनाओं में ड्रोन सर्वे कराया था। इसमें अब तक 25 से अधिक कीमती भूखंडों का पता चला है, जिनमें विभूति खंड के व्यावसायिक भूखंड शामिल हैं। इन्हें भी ई-ऑक्शन में शामिल किया जा रहा है।
व्यावसायिक भूखंडों के नए रेट तय
एलडीए ने गोमतीनगर, विस्तार, सीजी सिटी, जानकीपुरम/जानकीपुरम विस्तार, शारदानगर, बसंतकुंज व प्रियदर्शिनी योजना के 130 व्यावसायिक भूखंडों के नए रेट तय कर दिए हैं। यह पहले से 15 से 20 प्रतिशत कम हैं। एलडीए ने बोर्ड बैठक में मंजूरी लेकर इन भूखंडों की कीमत को कम किया, जिससे खरीदार आकर्षित हो सकें।