अगर आपको, परिवार के किसी सदस्य या आपके दोस्त को माइग्रेन की समस्या है, तो आपको बता दें कि 50 प्रतिशत तक इसका इलाज आपके हाथ में ही होता है।
अक्सर हम देखते हैं कि माइग्रेन के पेशेंट लंबे-लंबे समय तक दवाएं खाते रहते हैं, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिलता है। क्योंकि वास्तव में दवाएं और डॉक्टर के द्वारा दिया गया उपचार सिर्फ 50 प्रतिशत ही माइग्रेन के उपचार में मदद करता है, बाकी इसका इलाज आपके अपने हाथ में होता है। लेकिन ज्यादातर लोग सिर्फ दवाएं खाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन उन्हें किन वजहों से माइग्रेन सिरदर्द होता है, इस पर ध्यान नहीं देते हैं। जबकि यह माइग्रेन के उपचार में बहुत अहम भूमिका निभाता है। AIIMS की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत (MD, DM- Neurology, AIIMS Delhi) की मानें, तो अगर आप अपने माइग्रेन सिरदर्द को ट्रिगर करने वाले कारकों के बारे में जान लें या उन्हें पहचान लें, तो आधा इलाज लगभग हो चुका है। इसके साथ आप सही उपचार, स्वस्थ जीवनशैली, मेडिटेशन, संतुलित आहार और नियमित एक्सरसाइज के साथ इससे पूरी तरह छुटकारा पा सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आप आप अपने माइग्रेन के ट्रिगर को कैसे पहचान सकते हैं? डॉ. प्रियंका ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में माइग्रेन सिरदर्द के लिए जिम्मेदार कुछ आम ट्रिगर्स के बारे में बताया है, जो ज्यादातर रोगियों में माइग्रेन का कारण बनते हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं…
माइग्रेन के ट्रिगर्स- Triggers Of Migraine In Hindi
चाय और कॉफी
अन्य कैफीन युक्त फूड्स और ड्रिंक्स
शराब
बहुत लंबे समय तक बिना कुछ खाए या खाली पेट रहना
नींद पूरी न होना और नींद से जुड़ी अन्य समस्याएं
तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थितियां
डॉ. प्रियंका बताती हैं कि “मैं हमेशा अपने माइग्रेन से पीड़ित पेशेंट को चाय, कॉफी और शराब से परहेज करने, साथ ही बीच-बीच में कुछ न कुछ खाने की सलाह देती हूं।”