आई फ्लू होने पर आपने अक्सर देखा होगा कि लोग काला चश्मा पहनते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि आखिर वे ऐसा क्यों करते हैं या डॉक्टर काला चश्मा पहनने की सलाह क्यों देते हैं?
एक आम धारणा है कि काला चश्मा लगाने से आई फ्लू किसी अन्य व्यक्ति को नहीं होता है, जबकि ऐसा नहीं है। यह धारणा पूरी तरह गलत है। आपको बता दें कि आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस देखने से नहीं फैलता है। यह तब फैलता है, जब कोई व्यक्ति अपनी आंखों पर हाथ लगाता है और वह उसी हाथ से किसी वस्तु को छूता है, या किसी से हाथ मिलाता है। इस तरह संक्रमण के कण दूसरे व्यक्ति तक फैल जाते हैं और जब वे संक्रमण वाले हाथों से जब अपनी आंखों को छूता है, तो उसे भी इस स्थिति आई फ्लू हो जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर लोग काला चश्मा क्यों पहनते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने AIIMS की डॉ. प्रियंका सहरावत (MD, DM- Neurology, AIIMS Delhi) से बात की। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं…
आई फ्लू होने पर काला चश्मा क्यों पहनते हैं?- Why To Wear Black Glasses During Eye Flu In Hindi
डॉ. प्रियंका की मानें, तो यह सही है कि काला चश्मा पहनने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आई फ्लू को फैलने से रोकने में कोई मदद नहीं मिलती है। लेकिन काला चश्मा पहनने से आई फ्लू के जल्द उपचार और आंखों को नुकसान से बचाने में बहुत मदद मिलती है। संक्रमण की स्थिति में यह आपकी आंखों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है जैसे,
यह चमकीली रोशनी के कारण आंखों को जलन और इर्रिटेशन से बचाता है
जब आप बहुत अधिक रोशनी या सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आते हैं, तो ऐसी स्थिति में हमारी आंखों में इर्रिटेशन होने लगती है। ऐसे में काला चश्मा पहनने से उन्हें असजता कम होती है और जलन से भी राहत मिलती है।
आंखों को धूल-मिट्टी से बचाता है
जब आप घर से बाहर निकलते हैं, तो बाहर वातावरण में मौजूद प्रदूषण व धूल-मिट्टी आंखों में चली जाती है, जिसके कारण आपकी स्थिति गंभीर हो सकती है और इससे आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है। काला चश्मा लगाने से इससे बचाव होता है और संक्रमण को जल्द ठीक करने में मदद मिलती है।