लखनऊ। फिक्की फ्लो लखनऊ ने आज होटल हयात रीजेंसी, लखनऊ में शेफ अनाहिता धोंडी के साथ एक मास्टरक्लास का आयोजन किया। यह कार्यक्रम शेफ धोंडी और इवेंट चेयर डॉ अमृता खत्री के बीच एक छोटे लेकिन ज्ञानवर्धक टॉक शो का मिश्रण था।
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अनाहिता धोंडी को अपने माता-पिता से व्यंजनों में रुचि विरासत में मिली, जो पारसी भोजन को बहुत ही समर्पित होकर बनाते थे। उन्होंने भारत के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट औरंगाबाद और ले कॉर्डन ब्लू, लंदन से पढ़ाई की।
अनाहिता ने अपना औपचारिक रसोई प्रशिक्षण ताज समूह के होटलों से शुरू किया।
उसके बाद वह ऑलिव ग्रुप में शामिल हो गईं और रेस्तरां मालिक एडी सिंह के साथ सोडाबॉटल ओपनरवाला के नाम से रेस्तरां की एक श्रृंखला चलाई। आज अनाहिता अपनी पारंपरिक पारसी भोजन संस्कृति, भारत के पारसी समुदाय के समृद्ध व्यंजनों की एक प्रसिद्ध शेफ हैं।
इसके अतिरिक्त, अनाहिता अपने खाना पकाने में पारंपरिक अनाज बाजरा जैसे श्री अन्न के व्यंजनों और सामग्रियों को बढ़ावा देने के लिए विगत 8 वर्षों से काम कर रहीं है। अनाहिता जब 10 साल की थी तब से उन्होंने रसोई में अपनी माँ की मदद करना शुरू कर दिया था और छोटी उम्र से ही वह जानती थी कि वह बड़ी होकर शेफ बनेंगी। शेफ अनाहिता खाद्य प्रथाओं और अपने खाना पकाने में मौसमी और स्थानीय सामग्रियों का उपयोग करती हैं।
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शेफ अनाहिता को हाल ही में फोर्ब्स 2019 की अंडर 30 एशिया सूची में शामिल किया गया था। उन्होंने 2018 में कॉन्डेनास्ट ट्रैवेलर्स इनोवेटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड भी जीता है। आज वह हार्पर कॉलिन्स द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक “द पारसी किचन” के साथ देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली लेखिकाओं में से एक हैं।
मास्टरशेफ इंडिया में अतिथि जज के रूप में उनके हालिया कार्यकाल ने उनके कैरियर में एक और उपलब्धि जोड़ दी है।उन्हें जी 20 शिखर सम्मेलन में 20 देशों की प्रथम महिलाओं के लिए बाजरा आधारित व्यंजनों को प्रदर्शित करने का सम्मान मिला और इस महीने एफएओ में बाजरा से जुड़ी सभी चीजों को प्रदर्शित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा उन्हें आमंत्रित किया गया था।
शेफ अनाहिता ने बताया कि पारसी व्यंजनों की एक लंबी श्रृंखला है जिसे लोगों तक पहुंचाना मेरा मुख्य उद्देश्य है।लखनऊ में अंग्रेजी हाई टी की थीम पर आयोजित फ्लो कार्यक्रम में, अनाहिता ने 2 पसंदीदा पारसी व्यंजन, चटनी पैटीज़ और पनीर अकुरी को टोस्ट पर पकाने की उचित विधि का प्रदर्शन किया। ये व्यंजन सदस्यों के लिए तैयार किए गए विस्तृत चाय मेनू का भी हिस्सा थे।
आयोजन के बारे में बात करते हुए फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन स्वाति वर्मा ने कहा कि हमें विश्वास है कि भोजन दुनिया की असंख्य संस्कृतियों का सच्चा प्रतिनिधित्व है। एक नए व्यंजन को जानना उस संस्कृति के साथ मौलिक स्तर पर जुड़ना है। अनाहिता को धन्यवाद कि आज हम पारसी धर्म की समृद्ध संस्कृति और परंपरा से जुड़ पाये। इतनी युवा और प्रतिभाशाली व्यक्ति में ऐसी आग देखना हमेशा फ्लो सदस्यों को अपनी क्षमता तक पहुंचने के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है।
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इस कार्यक्रम में फ्लो लखनऊ चैप्टर की पूर्व चेयरपर्सन माधुरी हलवासिया, पूजा गर्ग, आरुषि टंडन सीनियर वाइस चेयरपर्सन विभा अग्रवाल, वंदिता अग्रवाल, वनिता यादव, स्मृति गर्ग, स्वाति मोहन, शमा गुप्ता, मानसी डिडवानिया,श्रुति सांडिल्य सहित 150 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।