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‘आपकी नीतियों से ही रूस और चीन करीब आए’, जयशंकर ने पश्चिमी देशों को फिर सुनाई खरी-खरी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को मौजूदा भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और उनके दुष्परिणामों का जिक्र किया। इस साथ ही उन्होंने कहा कि रूस शासन कला की एक विशाल परंपरा वाली ताकत है और वह एशिया या दुनिया के गैर-पश्चिम हिस्सों की ओर अधिक रुख कर रहा है। जयशंकर ने रायसीना डायलॉग में मॉस्को और बीजिंग की बढ़ती नजदीकियों के सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की।


पश्चिम की नीतियों से करीब आए रूस और चीन
विदेश मंत्री ने कहा कि रूस अन्य देशों, खासतौर पर एशिया के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की नीतियां रूस और चीन को करीब ला रही हैं। एक तरफ आपके पास ऐसे लोग हैं जो नीतियां बनाते हैं। दोनों को एकसाथ लाते हैं और फिर कहते हैं उनके एक साथ आने से सावधान रहें। दोनों देशों की नजदीकियों को लेकर यह सवाल ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक माइकल फुलिलोव ने पूछा था।

‘रूस के साथ भारत के संबंध स्थायी और बहुत दोस्ताना’
इससे पहले जयशंकर ने कहा था कि रूस के साथ भारत के स्थायी और बहुत दोस्ताना संबंध हैं। मॉस्को ने कभी भी नई दिल्ली के हितो को नुकसान नहीं पहुंचाया है। यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के बावजूद भारत और रूस के संबंध मजबूत बने रहे। कई पश्चिमी देशों की आपत्तियों के बावजूद भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है।

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की भारत ने नहीं की निंदा
भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है। नई दिल्ली कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए। जयशंकर ने भारत की जी 20 अध्यक्षता पर भी प्रकाश डाला और बताया कि कैसे इसने समूह के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करना सुनिश्चित किया।

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