भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद भी मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल में विस्तार किया। इन सबके बीच जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के प्रमुख और कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरालाल अलावा Dr. Hiralal alawa ने मंत्री न बनाए जाने पर अपनी ही पार्टी के लिए बगावती शुर अलापने शुरू कर दिए हैं। उनके इस विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी हीरालाल के समर्थन में आ गए हैं। दिग्विजय सिंह ने हाल ही में एक ट्वीट किया है, जिससे साफ जाहोयर हो रहा है कि वो खुलकर जयस का साथ दे रहे हैं।
मप्र में कॉंग्रेस की सरकार बनाने में आदीवासीयों का बहुत बड़ा सहयोग रहा है। जिसमें “जयस” का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा है। हम इसे स्वीकार करते हैं। अब मप्र शासन को अपने वचन पत्र में दिये गये वचनों को पूरा करने के लिये कोई कसर बाकि नहीं छोड़ना चाहिये।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 25, 2018
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा का समर्थन करते हुए लिखा, “मप्र में कॉंग्रेस की सरकार बनाने में आदीवासीयों का बहुत बड़ा सहयोग रहा है। जिसमें “जयस” का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा है। हम इसे स्वीकार करते हैं। अब मप्र शासन को अपने वचन पत्र में दिये गये वचनों को पूरा करने के लिये कोई कसर बाकि नहीं छोड़ना चाहिये।”
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहली बार विधायक बने सदस्यों को मंत्री न बनाए जाने का ऐलान किया था, उसके बाद से उन निर्वाचित सदस्यों में बेचैनी है जो मंत्री बनने का सपना संजोए हुए थे। जयस प्रमुख और कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरा अलावा ने इशारों-इशारों में मंत्री न बनाए जाने पर अपनी ही पार्टी को चेतावनी देकर मुसीबत में डाल दिया है। इसी के चलते सोमवार को जयस प्रमुख अलावा ने एक ट्वीट कर चेतावनी देते हुए कहा था, “जयस ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। वादे के मुताबिक जयस की भागीदारी सरकार में होनी चाहिए, जयस को अनदेखा करना कांग्रेस की बड़ी भूल होगी।”
सरकार में अपनी हिस्सेदारी
डॉ. अलावा धार जिले के मनावर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते हैं। जयस और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन के चलते यह विधानसभा क्षेत्र उन्हें दिया गया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहली बार के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने की बात कहने के बाद डॉ. अलावा के इस ट्वीट को काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, जयस का मालवा निमाड़ क्षेत्र में प्रभाव है और कांग्रेस ने जयस से समझौता कर एक सीट जयस को दी थी। जयस कांग्रेस को दिए गए अपने समर्थ के एवज में अब सरकार में अपनी हिस्सेदारी मांग रहे हैं।