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कवि अहमद फरहाद शाह को बड़ा झटका, PoK की एक अदालत ने जमानत याचिका खारिज की

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कवि और पत्रकार अहमद फरहाद शाह को मंगलवार को अदालत से झटका लगा है। यहां के मुजफ्फराबाद शहर की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शाह की पत्नी उरूज जैनब का कहना है कि वह इस फैसले को चुनौती देंगी। साथ ही पत्रकारों से कहा कि अभी तक यह नहीं बताया गया है कि आखिर जमानत क्यों खारिज की गई है।

अपनी विद्रोही कविताओं के लिए मशहूर फरहाद हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में विरोध-प्रदर्शन के दौरान लापता हो गए थे। 14 मई को रावलपिंडी से लापता होने के एक दिन बाद उनकी पत्नी उरूज जैनब ने उन्हें खोजने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया था कि उनके पति दो हफ्ते से गायब हैं और रावलपिंडी स्थित घर से उनका अपहरण कर लिया गया था।

हाईकोर्ट की सख्ती से हरकत में आईं थीं खुफिया एजेंसियां
इस पर याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी ने 24 मई को पाकिस्तान की सभी खुफिया एजेंसी, जिनमें आईएसआई, मिलिट्री इंटेलीजेंस और डायरेक्टर ऑफ इंटेलीजेंस ब्यूरो के साथ ही कानून मंत्री आजम तरार, रक्षा और आंतरिक मामलों के सचिवों को आठ पेज का समन भेजा था। इस समन के बाद बीते बुधवार को किसी खुफिया एजेंसी के अधिकारी तो कोर्ट में पेश नहीं हुए, लेकिन अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने बताया कि फरहाद फिलहाल पीओके पुलिस की हिरासत में हैं।

हालांकि किसी खुफिया एजेंसी ने फरहाद को हिरासत में रखने की जिम्मेदारी नहीं ली। अटॉर्नी जनरल अवान ने पीओके के धीरकोट पुलिस थाने की पुलिस रिपोर्ट भी दिखाई, जिसमें फरहाद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस्लामाबाद पुलिस के प्रमुख ने कोर्ट को बताया था कि फरहाद पीओके पुलिस की हिरासत में हैं और पीओके इस्लामाबाद पुलिस के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है।

कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह गायब हो जाता है और फिर नहीं मिलता तो ये एक देश के तौर पर असफलता होगी। फरहाद विद्रोही कविताएं लिखने के लिए जाने जाते हैं और इसी वजह से वह पाकिस्तानी सरकार के निशाने पर हैं। इस्लामाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों के जवाब में कहा गया था कि फरहाद को गिरफ्तार कर लिया गया था और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पुलिस हिरासत में था। इसके बाद फरहाद के परिवारवालों ने मुजफ्फराबाद के बाहर कहोरी पुलिस थाने में उनसे मुलाकात की थी।

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