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सीबीआई कोर्ट ने शूटर आनंद प्रकाश को सुनाई उम्रकैद की सजा, दो को कर दिया था बरी

लखनऊ:  बसपा सरकार में परिवार कल्याण विभाग के सीएमओ डॉ. विनोद कुमार आर्य और डॉ. बीपी सिंह की हत्या में दोषी पाए गए मुख्य शूटर आनंद प्रकाश तिवारी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। सीबीआई कोर्ट ने आरोपी आनंद प्रकाश तिवारी को बीते दिनों दोषी करार दिया था और बुधवार को सजा सुना दी। साक्ष्यों के अभाव में दूसरे शूटर विनोद शर्मा और साजिशकर्ता रामकृष्ण वर्मा को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया था।

सीबीआई ने हत्या करने वाले आनंद प्रकाश तिवारी, विनोद शर्मा और साजिशकर्ता आरके वर्मा को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने जांच के बाद खुलासा किया था कि डिप्टी सीएमओ वाईएस सचान ने दोनों सीएमओ की हत्या के लिए 5-5 लाख रुपये में सौदा किया था। लंबे वक्त से सीबीआई कोर्ट में चल रही सुनवाई के बाद बीते शुक्रवार को अदालत ने मुख्य शूटर आनंद प्रकाश तिवारी को दोषी करार दिया था।

लखनऊ के विकास नगर में अक्तूबर 2010 में तत्कालीन सीएमओ डॉ विनोद आर्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विनोद आर्य की जगह नए सीएमओ बने बीपी सिंह की भी अप्रैल 2011 में हत्या कर दी गई थी। यूपी सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

मामले में जांच के दौरान डिप्टी सीएमओ योगेंद्र सिंह सचान की जेल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। सीबीआई ने अंशु दीक्षित, आनंद प्रकाश तिवारी, विनोद शर्मा और रामकृष्ण वर्मा को शूटर बताया था। अंशु दीक्षित पेशी से भागते समय पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था। अन्य आरोपियों के खिलाफ 2022 में गवाही पूरी हुई थी। जांच में सामने आया कि फर्जी बिल पास करने से इनकार करने पर हत्याएं की गई थीं। हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई के हाथ एनआरएचम घोटाले के सुराग लग गए थे। मामले में दर्जन भर लोग और अफसर जेल गए थे। यह घोटाला करीब सात हजार करोड़ रुपये का था।

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