तिरुवनंतपुरम। गुरुवायुर मंदिर से जुड़े केरल हाईकोर्ट के अहम फैसले के बाद नादपंथल क्षेत्र में विवाह समारोहों और विशिष्ट धार्मिक समारोहों को छोड़कर अब कोई भी वीडियो शूट नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पी जी अजितकुमार की पीठ ने दो श्रद्धालुओं द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अहम आदेश पारित किया। बता दें कि नादपंथल एक विशाल अस्थायी संरचना है। जिसे मंदिर के सामने भक्तों को गर्मी और बारिश के दौरान आश्रय प्रदान करने के लिए बनाया गया है।
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कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, बार में प्रस्तुत प्रारंभिक याचिकाओं पर विचार करने के बाद हम द्वितीय प्रतिवादी गुरुवायुर देवस्वोम प्रबंध समिति और अतिरिक्त पांचवें प्रतिवादी प्रशासक को यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं कि गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर के नादपंथल में विवाह समारोहों और अन्य धार्मिक समारोहों के अलावा वीडियोग्राफी की अनुमति न दी जाए।
‘दीपस्तंभम’ की वीडियोग्राफी पर भी बैन
पीठ ने कहा कि मंदिर के अंदरूनी हिस्सों, खासकर पूर्वी ‘दीपस्तंभम’ की वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने साफ तौर पर कहा कि, प्रबंध समिति को गुरुवायुर देवस्वोम की सुरक्षा शाखा के माध्यम से यह सुनिश्चित करना होगा कि गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर के नादपंथल में ऐसी कोई गतिविधि न हो जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी हो। इसमें कम उम्र के बच्चे, वरिष्ठ नागरिक और विकलांग व्यक्ति शामिल हैं।
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पुलिस को मदद मांगने पर देनी होगी सुरक्षा
हाईकोर्ट ने याचिक पर सुनवाई के दौरान आगे कहा कि, यदि आवश्यक हो तो देवस्वोम प्रशासक स्टेशन हाउस अधिकारी पुलिस से मदद मांग सकते हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। अदालत ने कहा कि गुरुवायुर देवस्वोम प्रबंध समिति गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान गुरुवायुरप्पन की उचित पूजा के लिए सुविधाएं प्रदान करने के लिए बाध्य है।