संभल जिले में जामा मस्जिद के दोबारा सर्वे के दौरान रविवार को बड़ा बवाल खड़ा हो गया। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम जब मस्जिद के अंदर सर्वे कर रही थी, तभी स्थानीय लोग मस्जिद के आसपास जुटने लगे। पुलिस द्वारा भीड़ को हटाने के प्रयास के बावजूद अचानक चारों ओर से पत्थरों की बौछार शुरू हो गई, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई।
मेरठ में युवती से छेड़छाड़ पर पथराव… गोलियां लगने से कई लोग घायल, तनाव के हालात
उग्र भीड़ ने न सिर्फ पुलिसकर्मियों पर हमला किया, बल्कि वाहनों में भी आग लगा दी। इसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। हिंसा में बीस से अधिक पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल हुए, जबकि एक युवक की मौत की खबर भी है।
मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा
जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि यह हरिहर मंदिर है, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। जिला अदालत ने इस दावे के आधार पर मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। मस्जिद कमेटी ने सर्वे की अनुमति दी, और 19 नवंबर को पहला सर्वे हुआ था। अब रविवार को दूसरा सर्वे चल रहा था, और इसे अदालत के आदेश के तहत 29 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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सोशल मीडिया पोस्ट से हुआ तनाव
गुरुवार को मोहल्ला बरेली सराय निवासी बिलाल ने सोशल मीडिया पर जुमे की नमाज में अधिक से अधिक लोग जुटने की अपील की थी, जिसे कुछ ही देर बाद हटा लिया गया, लेकिन तब तक यह पोस्ट वायरल हो चुकी थी। इस पोस्ट के बाद से ही पुलिस प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी थी। मस्जिद क्षेत्र में पीएसी और आरआरएफ की कंपनियों के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया। मस्जिद जाने वाले दो प्रमुख रास्तों को बांस-बल्ली लगाकर बंद कर दिया गया।
ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी
घटना के बाद प्रशासन ने ड्रोन से निगरानी बढ़ा दी है और जामा मस्जिद के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त करवाया गया है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने भी शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।