लखनऊ। विश्व कीर्तिमानधारी संस्था कपिलश फाउंडेशन (Kapilsh Foundation) का सातवां वार्षिकोत्सव डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ भवन में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर देशभर के साहित्यकार, कवि और पत्रकार एकत्रित हुए। समारोह में पत्रकारिता के क्षेत्र में श्रीधर अग्निहोत्री (Sridhar Agnihotri) समेत साहित्य, चिकित्सा, कला और संस्कृति के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने कपिलश फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार में और योगदान देने की अपील की। उन्होंने कपिलश फाउंडेशन द्वारा आयोजित विश्व के सबसे लंबे कवि सम्मेलन और मुशायरा रिकॉर्ड के लिए सभी सदस्यों को बधाई दी।
सम्मानित हस्तियां
- रघुनंदन प्रसाद खरे स्मृति सम्मान 2024ः चिकित्सा सेवा में योगदान के लिए लखनऊ के डॉ अनिल मिश्रा।
- छोटी काशी की कलम सम्मान 2024ः गोला गोकरणनाथ के साहित्यकार आचार्य नंदी लाल बाबूजी।
- कपिल देव खरे स्मृति सम्मान 2024ः कला/संस्कृति/साहित्य के लिए ललितपुर के मौलिक ओज कवि पंकज अंगार।
- गीत गुंजन सम्मान 2024ः काव्य और गायन के लिए लखनऊ की कवयित्री सफलता त्रिपाठी।
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नई पुस्तकें और विश्व कीर्तिमान कार्यक्रम में कपिलश प्रकाशन द्वारा तीन पुस्तकों का विमोचन हुआ।
1. “कुछ रफू कुछ पैबंद”- खुर्जा की डॉ साधना अग्रवाल साधिका।
2. “अंगारों पर देश”- सीतापुर के ओज कवि रजनीश मिश्र।
3. “सुंदर कांड सवैया-आनंदामृत”- कैप्टन अभय कुमार आनंद, जिन्होंने इस पुस्तक के जरिए खड़ी बोली हिंदी में एक नई छंद विधा प्रस्तुत कर दुबई की ‘द बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में विश्व रिकॉर्ड दर्ज कराया।
समारोह की अध्यक्षता प्रो विश्वंभर शुक्ल ने की। स्वागत उद्बोधन संस्थापक अध्यक्ष शिप्रा खरे ने दिया। संचालन कपिलश प्रकाशन के सीईओ और विश्व रिकॉर्डधारी यतीश शुक्ला ने किया। विशिष्ट अतिथियों में सैयद मुमताज मियां चिश्ती (सज्जादा नशीं, खीरी दरगाह), बीएसएफ कमांडेंट अशोक दुबे, कवयित्री अनुराधा पांडे, नगरपालिका अध्यक्ष गोला विजय शुक्ल रिंकू, वरिष्ठ पत्रकार पद्माकांत शर्मा, हास्य कवि शेखर अग्रवाल, और साहित्यकार डॉ उमाशंकर शुक्ल शितिकंठ सहित कई गणमान्य व्यक्तित्व मौजूद रहे। व्यवस्था और आभार संस्था के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार रविसुत शुक्ल, रेखा बोरा, और अभय कुमार आनंद ने कार्यक्रम के संचालन और व्यवस्था को सुचारू रूप से संभाला। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ साहित्यकार श्रीकांत तिवारी कांत ने किया।