वाराणसी: बीएचयू में इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (आईओई) के तहत चल रही पांच स्कीम को बंद किया जाएगा। अगले साल 31 मार्च तक फंड खत्म होने के बाद इसे आगे जारी नहीं किया जाएगा। जबकि आईओई के तहत पहले से चल रही 26 स्कीम को 31 जनवरी के बाद भी जारी रखा जाएगा। ये फैसला पिछले महीने 11 नवंबर को हुई आईओई की प्रमुख बैठक में लिया गया है।
बंद किए जाने वाली स्कीम में टॉप-500 इंस्टीट्यूट से चुने जाने वाले मालवीय पोस्ट डॉक्टोरल फेलो, प्रोफेसरों को 1 से 3 लाख की एक मुश्त राशि, प्रमोटिंग ट्रांस-डिसीप्लीनेरी रिसर्च स्कीम, इंसेटिव ग्रांट टू सीनियर फैकल्टी मेंबर, आरजीएससी में मैनुस्क्रिप्ट राइटिंग्र रीट्रीट को शामिल किया गया है। अब अगले साल से हर साल बीएचयू के शिक्षकों को एक लाख से तीन लाख रुपये नहीं मिलेंगे।
ये पैसा एम- प्रोफेशनल डेवलपमेंट फंड द्वारा दिया जाता रहा है। इसमें 2022 से पहले ज्वाइन किए प्रोफेसर को 3 लाख, 2023 में चयनित को दो लाख और 2024 में आए नए शिक्षकों को एक लाख रुपये देने का प्रावधान है। फर्नीचर, लैब टूल, प्रिंटर, लैपटॉप आदि की खरीदारी के लिए प्रोफेसरों को ये फंड दिया जाता है।
विदेश से आकर पीडीएफ करने पर मिलत हैं 1 लाख रुपये
दुनिया के टॉप-500 शैक्षणिक संस्थानों के वैज्ञानिकों को बीएचयू में आकर्षित करने के लिए मालवीय पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप की शुरुआत की गई थी। हर महीने एक लाख रुपये वेतन दिया जाता है। इस स्कीम को आगे नहीं चलाया जाएगा।