प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ मेले के लिए स्कूल-कॉलेजों के भवनों को अधिग्रहित करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस संबंध में अपर मुख्य गृह सचिव व माध्यमिक शिक्षा सचिव से व्यक्तिगत हलफनाम तलब कर पूछा है कि कॉलेजों के अधिग्रहण के बाद 24 फरवरी से 12 मार्च तक चलने वाली यूपी बोर्ड की परीक्षाएं कैसे कराएंगे? यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की अदालत ने सूबेदारगंज स्थित महिला ग्राम इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है।
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कोर्ट ने कहा है कि हलफनामा दाखिल न होने की दशा में दोनों अधिकारियों को 17 दिसंबर को अदालत में पेश होना होगा। अधिवक्ता की दलील है कि याची का मान्यता प्राप्त एडेड निजी विद्यालय है। इसमें एक से कक्षा आठ तक मुफ्त शिक्षा दी जाती है और बोर्ड परीक्षा का केंद्र है। डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत माघ मेले में फोर्स रखने के लिए डीएम ने आठ कमरे व संसाधनों का जबरन अधिग्रहण कर लिया है।
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शहर में मेला क्षेत्र के पास बहुत से कॉलेज मौजूद हैं। उनमें खाली मैदान हैं, उनका अधिग्रहण न कर याची के साथ भेदभाव किया गया है। सरकार के इस कदम से परीक्षार्थियों और प्रबंधन के लिए मुश्किल खड़ी हो रही है। बिना नोटिस अधिग्रहण शिक्षा के मूल अधिकार का हनन है।
वहीं, सरकार का कहना है कि डीएम को आपात स्थिति का सामना करने के लिए किसी भवन का अधिग्रहण करने का अधिकार है। मेले के आयोजन के लिए प्रयागराज के सरकारी व गैर सरकारी 48 कॉलेजों का आंशिक अधिग्रहण किया गया है। केवल अल्पसंख्यक विद्यालयों को इससे अलग रखा गया है। मेला 28 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। लेकिन,यह अधिग्रहण एक नवंबर 24 से दो मार्च 25 तक के लिए किया गया है। कोर्ट ने कहा कि इसी दौरान बोर्ड परीक्षा होनी है। क्या सरकार परीक्षा शिफ्ट करेगी। मेले के कारण छात्रों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।