वित्त मंत्रालय ने हाल ही में अटल पेंशन योजना (APY) के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी दी। मंत्रालय के अनुसार, 2 दिसंबर, 2024 तक 7.15 करोड़ से अधिक ग्राहक इस योजना के तहत नामांकित हो चुके हैं। कार्यक्रम की सफलता पर प्रकाश डालते हुए, मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, “अटल पेंशन योजना सात करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ, अपने लाभार्थियों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद मन की शांति सुनिश्चित करते हुए गारंटीकृत पेंशन लाभ के साथ सुरक्षित सेवानिवृत्ति प्रदान करता है।”
अटल पेंशन योजना भारत की कामकाजी आबादी को सेवानिवृत्ति के बाद के वर्षों में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। अटल पेंशन येाजना, 60 वर्ष की आयु से 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी देती है। पेंशन की राशि ग्राहकों की ओर से किए गए योगदान पर निर्भर करती है। इस योजना में महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई है, जो कुल ग्राहकों का लगभग 47 प्रतिशत है।
एपीवाई में ग्राहक की मृत्यु के बाद, पति या पत्नी को पेंशन राशि मिलती रहती है
एपीवाई की एक खास विशेषता इसकी व्यापक पेंशन संरचना है। ग्राहक की मृत्यु के बाद, पति या पत्नी को वही पेंशन मिलती रहती है। ग्राहक और पति या पत्नी दोनों की मृत्यु के बाद, 60 वर्ष की आयु तक जमा पेंशन राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाती है, जिससे परिवार के लिए दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होती है।
ग्राहक मासिक, त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक आधार पर योगदान कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपने वित्त का प्रबंधन करने में लचीलापन मिलता है। एपीवाई बढ़ती दीर्घायु, एकल परिवारों और बढ़ती जीवन लागत के युग में महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करता है। पेंशन एक स्थिर मासिक आय प्रदान करती है, जो सेवानिवृत्ति के बाद एक सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करती है।