ओटावा: कनाडा की सुप्रीम कोर्ट ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार भारतीयों को गुरुवार को जमानत दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार, निचली अदालत में कार्यवाही पर रोक लगने के बाद सबूतों के अभाव में रिहाई का आदेश जारी किया गया। अब इस मामले की सुनवाई 11 फरवरी को कनाडा की अदालत में होगी। निज्जर की हत्या के मामले में चार भारतीय नागरिक करन बराड, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करनप्रीत सिंह फर्स्ट डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रचने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
कनाडा ने भारत पर मढ़ा आरोप
खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी। यह मामला अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार शामिल थी। इस दावे को भारत ने निराधार बताकर खारिज किया। भारत ने कनाडा से सबूतों की मांग की, जिसे आज तक कनाडाई एजेंसियां उपलब्ध नहीं करा पाई हैं।
भारतीयों को किया गया गिरफ्तार
मई 2024 में रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस ने कनाडा में अलग-अलग स्थाानों से चार भारतीयों को गिरफ्तार किया और हत्याकांड में उनके शामिल होने का दावा किया। हालांकि, प्रारंभिक सुनवाई के दौरान साक्ष्य प्रस्तुत करने में देरी के लिए अभियोजन पक्ष को आलोचना का सामना करना पड़ा।
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कोर्ट में दायर की थी जमानत अर्जी
कनाडा की पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी। चारों भारतीयों के खिलाफ नवंबर 2024 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। उन्होंने कनाडा की सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दायर की थी, जिसे बाद में स्वीकार कर लिया गया। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, तीन आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के लिए पेश हुए, जबकि एक के वकील पेश हुए थे।