नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन आम सहमति से पारित हुए नई दिल्ली घोषणा-पत्र को लेकर बड़ा दावा किया गया। भारत के शेरपा अमिताभ कांत की किताब में लिखा गया है कि जी- 20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से एक घंटे पहले तक नई दिल्ली घोषणा-पत्र पर आम सहमति नहीं बन पाई थी। पीएम मोदी लगातार इसका अपडेट ले रहे थे।
नौ सितंबर 2023 को सम्मेलन शुरू होने से एक घंटे पहले जब पीएम को घोषणा-पत्र की स्थिति को लेकर बताया गया कि कुछ मुद्दों पर मामला अटका है, तो उन्होंने कहा कि बस आम सहमति बननी चाहिए। इसके बाद शेरपा अमिताभ कांत ने तुरंत मोर्चा संभाला और तुरंत अन्य शेरपाओं के साथ बैठक की। इसका नतीजा रहा कि सम्मेलन के पहले ही दिन नई दिल्ली घोषणा-पत्र पर आम सहमति बन गई।
जी-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा-पत्र पर आम सहमति बनने के पीछे की कहानी शेरपा अमिताभ कांत ने अपनी किताब हाउ इंडिया स्केल्ड माउंट जी-20: द इनसाइड स्टोरी ऑफ द जी-20 प्रेसीडेंसी में लिखी है। उन्होंने लिखा कि नई दिल्ली घोषणा-पत्र के सिद्धांतों से लेकर अंतिम सहमति तक पहुंचने तक का सफर बिल्कुल आसान न था। 250 द्विपक्षीय बैठकों में 300 घंटों की बातचीत के बाद भी घोषणा-पत्र में संशोधन होते रहे। आपत्तियां आती रहीं। सभी देश इन बातचीत के महत्व और गंभीरता के महत्व को समझ रहे थे, लेकिन आम सहमति बनना दूर की कौड़ी लग रहा था।
पीएम मोदी रखे थे पूरी नजर
किताब में कांत ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घोषणा-पत्र की स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए थे। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी थी। साथ ही उन्होंने मुझे हर दो घंटे में स्थिति से अवगत कराने के लिए कहा था। हम उन्हें जैसा अपडेट देते तो उनकी ओर से सलाह मिलती। इसका फायदा हुआ कि हमें वार्ता की रूपरेखा बनाने और प्रगति जानने में मदद मिलती रही।