मशहूर टीवी एक्टर टीकू तलसानिया ब्रेन स्ट्रोक की समस्या के कारण फिलहाल मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती हैं। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी हालात स्थिर है और डॉक्टर्स की टीम लगातार स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है।
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इससे पहले शनिवार को खबरें सामने आईं कि अभिनेता को हार्ट अटैक हुआ है। हालांकि इसके बाद उनकी पत्नी ने मीडिया को बताया कि टीकू को हार्ट अटैक नहीं बल्कि ब्रेन स्ट्रोक हुआ है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, शुक्रवार (10 जनवरी) को टीकू एक फिल्म की स्क्रीनिंग देखने गए थे और रात करीब 8 बजे उनकी तबीयत खराब होने लगी, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गौरतलब है कि देश में पिछले कुछ वर्षों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक दोनों के ही मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। ये दोनों ही स्थितियां गंभीर और जानलेवा मानी जाती हैं, जिसके कारण हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में आपके लिए जानना जरूरी हो जाता है कि इन दोनों में क्या अंतर है और इनकी पहचान कैसे की जा सकती है?
हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, दिल का दौरा (हार्ट अटैक) और स्ट्रोक के मामले सभी उम्र के लोगों में बढ़ रहे हैं और पहली नजर में इनके लक्षणों में काफी समानता होती है, जिसकी वजह से आमतौर पर लोगों के लिए समझ पाना कठिन होता है कि किसी को हार्ट अटैक हुआ है या स्ट्रोक?
ये दोनों ही स्थितियां मेडिकल इमरजेंसी वाली होती हैं। जिसमें रोगी को शीघ्रता से उपचार की आवश्यता होती है। इलाज या समस्या के निदान में देरी के कारण जान जाने का खतरा अधिक रहता है। आइए इन समस्याओं के बारे में विस्तार से समझते हैं।
पहले जानिए क्या होता है हार्ट अटैक?
हृदय में रक्त का प्रवाह कम या अवरुद्ध होने के कारण हार्ट अटैक होता है। कोरोनरी आर्टरी यानी हृदय तक रक्त का संचार करने वाली धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमाव के कारण ये समस्या होती है। वसा या कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव को प्लाक कहा जाता है, ये खून के प्रवाह को बाधित कर सकती हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने को हार्ट अटैक होने का प्रमुख कारण माना जाता रहा है।
हार्ट अटैक होने पर छाती में तकलीफ जैसे दबाव, भरापन या दर्द के अलवा आमतौर पर बाईं तरफ की बाहों, ऊपरी पीठ, पेट या जबड़ों में भी दर्द की समस्या होती है। हार्ट अटैक में सांस में तकलीफ, पसीना आने, उल्टी की भी समस्या होती है। इन लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
ब्रेन स्ट्रोक को समझिए
स्ट्रोक या ब्रेन अटैक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है या मस्तिष्क में कोई रक्त वाहिका फट जाती है। इससे ब्रेन सेल्स डेड होने लगते हैं जिससे स्थायी ब्रेन डैमेज, विकलांगता या मृत्यु तक भी हो सकती है।
ब्रेन स्ट्रोक की समस्या में आमतौर पर सिर में तेज दर्द होता है। इसके अलावा चेहरा लटकना या लकवा की समस्या (जो आमतौर पर चेहरे के एक तरफ होता है), बोलने या बातों को समझने में कठिनाई, हाथों में कमजोरी आने, चलने या शरीर का संतुलन बनाने में कठिनाई हो सकती है।