पटना। दो दिवसीय अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में शामिल होने के लिए पटना आए राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पहले ही दिन विशेष विमान से वापस जयपुर लौट गए। बिहार विधानसभा में पहले दिन के कार्यक्रम की शुरुआत के कुछ ही देर बाद उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद उन्हें इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में भर्ती कराया गया। देवनानी की जांच में अबतक हार्ट अटैक की पुष्टि नहीं हुई।
आईजीआईसी के आईसीयू में हर तरह से प्राथमिक चिकित्सा लेने के बाद वह शाम में चार्टर्ड प्लेन से जयपुर के लिए रवाना हुए। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर उन्हें विदा करने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी पहुंचे थे। देवनानी के साथ डॉक्टरों की टीम भी जयपुर रवाना हुई है।
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर से लगे इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में नामी चिकित्सकों का दल उनका इलाज कर रहा था। देवनानी 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के शुभारंभ के बाद हुई फोटोग्राफी सेशन के बाद बीमार पड़े। उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की, लेकिन अफरातफरी से बचने के लिए विधानसभा में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।
सभी पीठासीन पदाधिकारियों के साथ तस्वीर खिंचवाने के बाद अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के दौरान संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने में संसद व विधायी निकायों के योगदान’ विषय पर इधर संवाद हो रहा था और उधर देवनानी को अस्पताल भेजा गया। आईजीआईसी के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. के. के. वरुण ने बताया कि अस्पताल में ईसीजी, ट्रॉप-टी, इको, सिटी स्कैन आदि का नॉर्मल है। हाइपर एसिडिटी का दर्द ही लग रहा है।
राजस्थान के अजमेर में निवासी वासुदेव देवनानी राजनीति में आने से पहले इंजीनियर और शिक्षाविद् के रूप में चर्चित थे। उन्होंने ने जोधपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इंजीनियर की नौकरी करने की जगह अध्यापन की दिशा में कदम बढ़ाया। वह उदयपुरा में विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के डीन बने। राजनीति में आने के बाद देवनानी भारतीय जनता पार्टी के लिए राजस्थान में बड़ा चेहरा बने।
वह अजमेर क्षेत्र से ही लगातार विधायक बन रहे हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में वह अजमेर उत्तर से पांच हजार से भी कम वोटों के अंतर से जीते थे। इससे पहले देवनानी ने कांग्रेस को यहां 8630 वोटों से हराया था। इससे पहले, 2013 में देवनानी ने कांग्रेस प्रत्याशी को 20479 वोटों के अंतर से हराया था। इससे पहले, वह पहली बार महज 688 वोटों के अंतर से जीते थे।