विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस विश्व संस्था से अमेरिका के अलग होने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा पर खेद व्यक्त किया है। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा और साझेदारी को बनाए रखने के लिए रचनात्मक बातचीत में शामिल होगा।
शपथ लेने के तुंरत बाद ट्रंप ने लिया ये फैसला
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को शपथ ग्रहण के तुरंत बाद अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू करने वाले एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए। पांच साल से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब अमेरिका ने वैश्विक निकाय से हटने का आदेश दिया है।
ट्रंप WHO की करते रहे हैं आलोचना
ट्रंप लंबे समय से डब्ल्यूएचओ की आलोचना करते रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका को इस वैश्विक स्वास्थ्य संस्था से अलग करने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन उनके उत्तराधिकारी जो बाइडेन ने इस योजना को रोक दिया था। ट्रंप ने एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किया है, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासचिव को एक पत्र भेज रहे हैं, जिसमें उन्हें औपचारिक रूप से अमेरिका की वापसी की योजना के बारे में सूचित किया जाएगा।
अमेरिका इस पर पुनर्विचार करेगा-WHO
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन इस घोषणा पर खेद व्यक्त करता है कि अमेरिका संगठन से हटना चाहता है। हमें उम्मीद है कि अमेरिका इस पर पुनर्विचार करेगा और हम पूरी दुनिया में लाखों लोगों की सेहत और भलाई के लिए अमेरिका तथा डब्ल्यूएचओ के बीच साझेदारी बनाए रखने के वास्ते रचनात्मक बातचीत में संलग्न होने के लिए तत्पर हैं।’
WHO इन चीजों पर करता है काम
बयान में कहा गया कि डब्ल्यूएचओ बीमारियों के मूल में जाकर, मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों का निर्माण करके और अक्सर खतरनाक स्थानों पर बीमारी के प्रकोप सहित स्वास्थ्य आपात स्थितियों का पता लगाने, रोकने और उनका जवाब देकर अमेरिकियों सहित दुनिया के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहां अन्य लोग नहीं जा सकते।
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संस्थापक सदस्यों में रहा है अमेरिका
बयान में कहा गया है कि अमेरिका 1948 में डब्ल्यूएचओ का संस्थापक सदस्य था और तब से इस वैश्विक स्वास्थ्य इकाई और इसके कार्यकारी बोर्ड में अपनी सक्रिय भागीदारी के माध्यम से 193 अन्य सदस्य देशों के साथ इसके कार्यों को आकार देने और संचालित करने में भाग लेता रहा है।