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Mountain खोद कर बना दी सड़क

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के मैनपाट विकासखंड में कदनई एक ऐसा गांव है जहां मैनपाट की ओर से जाने का कोई मार्ग ही नहीं है। इस गांव के लोगों को नवानगर से बतौली होकर लगभग 80 किलोमीटर दूरी तय कर पहुंचना पड़ता है। इस गंभीर समस्या की ओर शासन-प्रशासन का कभी ध्यान ही नहीं गया।

लिहाजा गांव के ही एक युवा ने ऐसी पहल कर दी कि पूरा गांव उसके साथ आ गया और लगभग दो किलोमीटर सड़क श्रमदान कर Mountain पहाड़ पर बना डाला। तीन माह में ग्रामीणों ने यह काम पूरा किया और अब मैनपाट से पैदल व दोपहिया वाहनों में बड़ी आसानी से लोग कदनई गांव पहुंच रहे हैं जो मैनपाट मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर है। ग्रामीणों की इस अनूठे कार्य की पूरे मैनपाट में प्रशंसा हो रही है क्योंकि ग्रामीणों ने अपने श्रमशक्ति से करीब 65 किलोमीटर की दूरी कम कर ली है।

Mountain के कारण आजादी के इतने वर्षों बाद

सरगुजा जिले का मैनपाट विकासखंड के अधिकांश गांव की भौगोलिक परिस्थिति ऐसी है कि ब्लॉक व जिला मुख्यालय तक आने लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। जंगल, Mountain पहाड़ के कारण आजादी के इतने वर्षों बाद भी आवागमन के लिए बेहतर सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है लिहाजा ग्रामीणों को अलग-अलग क्षेत्रों के प्रमुख मार्गों से घूमकर मैनपाट ब्लॉक व सरगुजा जिला मुख्यालय आना-जाना पड़ता है।

मैनपाट विकासखंड का एक ग्राम पंचायत कदनई भी इसी असुविधा से जूझ रहा है। लगभग ढाई हजार की आबादी वाला यह गांव मैनपाट से महज 15 किलोमीटर होने के बाद एक अदद सड़क न होने से इस गांव के लोगों को कदनई से बतौली होकर नवानगर मार्ग से आवागमन करना पड़ता है जिसकी दूरी काफी लंबी है। बारिश में तो यह इलाका काफी मुसीबतों भरा हो जाता है और कदनई के लोग ब्लॉक व जिला मुख्यालय के संपर्क से ही कट जाते हैं।

काफी दिनों से कदनई से नवानगर की ओर 15 किलोमीटर पहाड़ पर सड़क बनाने की मांग ग्रामीण करते रहे हैं पर शासन-प्रशासन ने इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। कुछ माह पूर्व गांव के ही एक युवा सुग्रीव यादव ने ग्रामीणों के साथ मिलकर योजना बनाई और हाथ में कुदाल लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रमदान के लिए निकल पड़े। लगातार तीन माह ग्रामीणों ने पहाड़ पर चलने लायक सड़क बनाने जी-तोड़ मेहनत की और करीब दो किलोमीटर पहाड़ को खोदकर चलने लायक सड़क बना दिया। ग्रामीणों ने कदनई पहुंच मार्ग बनाने लगातार श्रमदान किया था।

 

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