लखनऊ, (दया शंकर चौधरी)। भारतीय सेना सीमाओं पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए अत्यधिक खराब मौसम की स्थिति में दुर्गम इलाकों में काम कर रही है। इनमें से कई अग्रिम चौकियों को अभी भी सड़क मार्ग से जोड़ा जाना बाकी है। ऐसे क्षेत्रों में चौकियों के रखरखाव के लिए सेना और वायुसेना के वायु संसाधनों के माध्यम से रसद प्रदान की जाती है।
सूर्या कमान ने हिमाचल, गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में दूर-दराज की अग्रिम चौकियों के हवाई रखरखाव के लिए नागरिक उड्डयन हेलीकॉप्टरों को एकीकृत करके एक और मील का पत्थर हासिल किया। थंबी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ विमानन अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत परिचालन 6 फरवरी, 2025 से शुरू हुआ।
विमानन प्रयासों के विस्तार से लॉजिस्टिक्स स्टॉक के समय पर निर्माण के साथ-साथ दूर-दराज के स्थानों में निर्माण सामग्री की डिलीवरी की सुविधा मिलेगी, जिससे लॉजिस्टिक्स दक्षता और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के शीघ्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। यह पहल अभिन्न संसाधनों के अनुकूलन में भी काफी मदद करेगी जिससे बेहतर मिशन और परिचालन तत्परता हासिल की जा सकेगी।