नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने बुधवार को पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को सिख विरोधी दंगों के दौरान दो सिखों की हत्या के मामले में दोषी करार दिया। इस मामले में कोर्ट 18 फरवरी को उन्हें सजा सुनाएगी। 40 साल बाद मामले में फैसला आया है। बताते चलें कि दिसंबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एक अन्य मामले में सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस तरह पूर्व कांग्रेस सांसद पहले से ही तिहाड़ (Tihad) जेल में सजा काट रहे हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ह्त्या के बाद दिल्ली समेत पूरे देश में सिख विरोधी दंगे हुए थे, जिसमे बड़ी तादाद में सिखों की हत्याएं हुई थी। एक नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़े मामले में सज्जन कुमार को आरोपी बनाया गया था। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इसी मामले में बुधवार को फैसला सुनाया।
कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दंगा, हत्या और डकैती के आरोप में IPC की धारा 147, 149, 148, 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436, 440 के तहत केस दर्ज किया गया था। SIT ने आरोप लगाया कि सज्जन कुमार भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और उसके उकसाने पर भीड़ ने दोनों व्यक्तियों को जिंदा जला दिया था। उनके घरेलू सामान और अन्य संपत्ति को भी लूट लिया था।
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इस गंभीर मामले में कोर्ट ने एक नवंबर 2023 को सज्जन कुमार का बयान दर्ज किया था। सज्जन कुमार ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से इनकार किया था। 31 जनवरी को सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार के वकील की दलील दी थी कि उनका नाम शुरू से ही नहीं था। गवाह ने सज्जन कुमार का नाम 16 साल बाद लिया। वहीं सरकारी वकील की दलील थी कि पीड़िता आरोपी को नहीं जानती थी, बाद में पता चलने पर उसने सज्जन कुमार का नाम लिया।