• किसानों ने देखी गन्ना प्रजातियां, सह फसल, पेड़ी प्रबंध, कीट- रोग, ट्रेन्च विधि से गन्ना बुआई- ओमप्रकाश गुप्ता
कुशीनगर, (मुन्ना राय)। उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर से प्रदेश के नौ जिलों से भेजे गए 50 गन्ना किसानों के अध्ययन दल ने उत्तर प्रदेश गन्ना किसान शोध संस्थान शाहजहांपुर में गन्ना प्रजातियां, सह फसल, पेड़ी गन्ना प्रबंधन, कीट- रोग, ट्रेन्च विधि से गन्ना बुआई के गुर सीखे।
उक्त जानकारीउ त्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर के पूर्व सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने दी।
उन्होंने बताया कि गन्ने की वैज्ञानिक खेती खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने, गन्ना शोध संस्थान द्वारा किये जा रहे शोध तकनीकी को प्रयोगशाला से किसानों के खेतों पर पहुंचाकर गन्ने की उत्पादकता एवं चीनी परता में वृद्धि करने, कृषको की आये बढ़ाने, गन्ने के साथ सह फसली खेती को बढ़ावा देने, पेड़ी गन्ने का प्रबंधन तथा गन्ना फसल में लगन वाले कीट- रोग को दिखाकर शोध प्रक्षेत्र पर जानकारी देने के उद्देश्य से अध्ययन दल भेजा गया है।
शाहजापुर शोध संस्थान के वैज्ञानिक अधिकारी प्रसार डॉ संजीव पाठक ने शोध प्रक्षेत्र का भ्रमण कराते हुए किसानों को गन्ने की अधिक उपज देने वाली प्रमुख प्रजातियां को आ: 12225, 13231, 17231, 19231, को. लख. 14201, को. 0118 दिखाया। सह फसली के साथ आलू की सहफसल दिखाया। पेड़ी प्रबंधन पर विस्तार से बताया। गन्ने में लगने वाले कीट रोग का लक्षण समझाया। दो आंख का टुकड़ा काटकर उपचारित करें, तथा ड्राईको ड्रमा से भूमि उपचार करने की सलाह दी।
गन्ना संस्थान शाहजपुर के सहायक निदेशक डॉ पीके कपिल ने बतलाया कि पूर्वांचल में गन्ना विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। शोध संस्थान से प्राप्त जानकारी का प्रयोग किसान अपने खेतों में करें। अध्यापन दल का मार्ग निर्देशन लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान लखनऊ के निदेशक विश्वेश कनोजिया कर रहे हैं।
संस्थान से भ्रमण एवं अध्ययन के उपरान्त किसान भारतीय पशु अनुपधान संस्थान इज्जत नगर बरेली के वैज्ञानिकों से जानकरी लेंगे। यात्रा में कृषक अमरनाथ यादव, रविन्द्र राय, आत्मा गुप्ता, सुरेन्द्र प्रसाद, रामप्रवेश गुप्ता, धनन्जय कुमार, रामउग्रह गुप्ता, राजश्वरी, अर्जुन आदि शामिल हैं।