समर सलिल डेस्क। असम (Assam) के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य (Governor Laxman Acharya) ने कहा है कि राष्ट्र की प्रगति का रास्ता विश्वविद्यालय के आंगन से निकलता है। हमारा सपना है कि हम होमी भाभा (Homi Bhabha) जैसे वैज्ञानिक राष्ट्र को दें। हमारी आकांक्षा है कि हमारी संस्थाओं से परम पूज्य शंकर देव (Shankar Dev) जैसे समाज सुधारक समाज को मिलें और गोपीनाथ बोरदोलोई (Gopinath Bordoloi) जैसे महापुरुषों को तैयार करें। शिक्षा केवल ज्ञान का संचार नहीं, अपितु समाज के उत्थान और संस्कारों की नींव है। लक्ष्मण आचार्य राजभवन की ओर से राज्य की उच्च शिक्षा पर आयोजित सम्मेलन मे बोल रहे थे।
बतौर विशिष्ट अतिथि प्रो हरबंश दीक्षित ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने आप को नई चुनौतियों के लिए तैयार करना है। हमारे सामने विश्वस्तरीय शिक्षण प्रशिक्षण का परिवेश तैयार करने के लिए अपनी गुणवत्ता को लेकर सजग रहने की जरूरत है। इसके साथ ही हमें छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप नए पाठ्यक्रम तैयार करने एवं अन्य नवाचार माध्यमों से जन अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करना होगा।
तकनीकी सत्रों में राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य और शिक्षा मंत्री रानोज पेगू की अंत तक गरिमामयी मौजूदगी रही। सम्मेलन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने और वैश्विक मानकों के अनुरूप राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कई अहम पहलुओं पर गहन विमर्श हुआ।
सम्मेलन में शिक्षा मंत्री रानोज पेगू बतौर मुख्य अतिथि, टीएमयू के कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज़ के डीन प्रो हरबंश दीक्षित और शिक्षा मंत्रालय के सलाहकार प्रो देवव्रत दास बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। सम्मेलन में प्रदेश की यूनिवर्सिटीज़ के कुलपतियों, कुलसचिवों, निदेशकों आदि की उपस्थिति रही। प्रो हरबंश दीक्षित और शिक्षा मंत्रालय के सलाहकार प्रो. देवव्रत दास ने दो तकनीकी सत्रों का संचालन भी किया।